24.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

1.3 लाख शिक्षकों की हड़ताल से ओडिशा के 54 हजार स्कूलों में पठन-पाठन ठप, टीचर अपनी मांगों पर अड़े

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि दैनिक रिपोर्ट निदेशालय को भेजी जानी चाहिए और विस्तृत सूची भविष्य के आधिकारिक उद्देश्य के लिए ब्लॉक बिंदु पर रखी जानी चाहिए. शिक्षकों के विरोध के कारण 80 प्रतिशत से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण और एमडीएम कार्यक्रम प्रभावित हुए.

संविदा पर नियुक्ति समाप्त करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर राज्यभर के एक लाख 30 हजार शिक्षक-शिक्षिकाएं प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघ के बैनर तले बेमियादी आंदोलन कर रहे हैं. शिक्षकों की इस हड़ताल से राज्य के 54 हजार स्कूलों के 40 लाख छात्र-छात्राओं का भविष्य अनिश्चितता के घेरे में है. संघ हाई स्कूल शिक्षकों के मामले में संविदा नियुक्ति को समाप्त करने, प्रारंभिक कैडर में एक्स-कैडर शिक्षकों को शामिल करने, ग्रेड पे में बढ़ोतरी, कला और पीइटी शिक्षकों के लिए सेवा कैडर का गठन, रिक्तियों को भरना और पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करना प्रमुख है. ओडिशा सरकार की कड़ी चेतावनी के बावजूद शिक्षक राजधानी भुवनेश्वर से लेकर सभी 30 जिलों के जिला शिक्षा ब्लॉक अधिकारी के कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि पहले सरकार के सामने मांगें रखी गयी थीं और हमें आश्वासन मिला था कि अंतर-मंत्रालयी समिति के माध्यम से समीक्षा के बाद उन्हें पूरा किया जायेगा. हालांकि, कुछ भी नहीं हुआ. जिस कारण हमें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा कि हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि दबाव की रणनीति अपनाने की बजाय हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाये, ताकि हम अपने स्कूलों में लौट सकें.

बीइओ को प्रतिदिन शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखने को कहा

प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों के विरोध के कारण लाखों छात्रों की शिक्षा और मिड-डे-मील प्रभावित हो रहा है. राज्य सरकार ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीइओ) से शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है. विशेष रूप से उन शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए जो अनुबंध के आधार पर लगे हैं. हड़ताल के प्रभाव को स्वीकार करते हुए, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कहा कि कुछ प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित हुए होंगे.

इसने बीइओ को हड़ताल के कारण अपने स्कूलों में अनुपस्थित शिक्षकों और अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले शिक्षकों, विशेषकर संविदा शिक्षकों का रिकॉर्ड रखने के लिए कहा. प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि दैनिक रिपोर्ट इस निदेशालय को भेजी जानी चाहिए और विस्तृत सूची भविष्य के आधिकारिक उद्देश्य के लिए ब्लॉक बिंदु पर रखी जानी चाहिए.

सूत्रों ने कहा कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों के विरोध के कारण 80 प्रतिशत से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण और एमडीएम कार्यक्रम प्रभावित हुए. दूसरी ओर, एसएमइ विभाग के अधिकारियों ने कहा कि महासंघ के कम से कम तीन शिक्षक संघ हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं.

40 लाख बच्चे परेशान, विपक्ष ने साधा निशाना

शिक्षकों की हड़ताल के कारण राज्य में पिछले एक हफ्ते से 54 हजार स्कूल बंद हैं, जिसके लाखों बच्चे और उनके अभिभावक परेशान हैं. अपनी विभिन्न सितंबर को राज्य के प्राइमरी स्कूट टीचर्स ने हड़ताल शुरू की थी. हालांकि, सरकार ने एक उप-समिति का गठन किया है, जबकि एक अंतर-मंत्रालयी पैनल पहले ही गठित है. इस पर बात करते हुए कर्मचारी नेता का कहना है कि यह सब उनकी मांगों को लटकाने की सिर्फ एक कोशिश भर है. वहीं विपक्षी राजनैतिक पार्टियों ने भी प्रदेश की सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण शिक्षा व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है. पिछले एक हफ्ते से राज्य के लाखों परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता में हैं, लेकिन सरकार को किसी की भलाई से कोई लेना-देना नहीं है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शरत पटनायक ने इस बारे में कहा कि ओडिशा में शिक्षा व्यवस्था में ‘आपातकाल’ जैसी स्थिति पैदा हो गयी है.

Also Read: ओडिशा के सुंदरगढ़ में फर्जी डिग्री व बीएड प्रमाणपत्र मामले में पांच शिक्षक-शिक्षिकाएं बर्खास्त
Also Read: ओडिशा : कालाहांडी के शिक्षक के बगीचे में है बेशकीमती आम का पेड़, कीमत जानकर रह जायेंगे दंग

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel