28.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

दुधवा नेशनल पार्क में हिंसक पशुओं में छिड़ी वर्चस्व की जंग, आइवीआरआई ने मृत बाघ की मौत को लेकर किया खुलासा

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व पार्क में 50 दिन में 4 बाघों की मौत हो गई है.इससे हड़कंप मच गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाघों को मौत पर चिंता व्यक्त की थी.इसके साथ ही बाघ के मारे जाने की घटनाओं की जांच के निर्देश दिए थे.

बरेली : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व पार्क में 50 दिन में 4 बाघों की मौत हो गई है.इससे हड़कंप मच गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाघों को मौत पर चिंता व्यक्त की थी.इसके साथ ही बाघ के मारे जाने की घटनाओं की जांच के निर्देश दिए थे.सीएम के निर्देश कर स्वतंत्र प्रभार पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री डॉक्टर अरुण कुमार सक्सेना समेत प्रमुख अफसर जांच में जुटे हैं.मगर, इसी बीच बाघों की मौत के मामले में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ने बड़ा खुलासा किया है.

पोस्टमार्टम में बाघ की मौत का कारण बड़े जानवर का हमला

आईवीआरआई के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर केपी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को एक बाघ का पोस्टमार्टम हुआ था. पोस्टमार्टम में बाघ की मौत का कारण किसी बड़े जानवर के हमले से होने की बात सामने आई है.उसके सिर में काफी चोट थी.चोट पुरानी होने के कारण सिर में और पेट की आंतों तक कीड़े पहुंच गए थे.उसकी उम्र 6 से 7 वर्ष के बीच थी.वह पूरी तरह से स्वस्थ था. जानवर के हमले से लगी चोट के कारण 4 से 5 दिन पहले ही मर चुका था.उसके पंजे, और दांत भी पूरे थे.

आपसी संघर्ष में मौत होने की उम्मीद

दुधवा टाइगर रिजर्व में 10 दिन में 3 बाघ, और दक्षिण खीरी वन प्रभाग में एक तेंदुए की मौत से वन विभाग के अफसर भी परेशान हैं.इनमें से 3 बाघ, और एक तेंदुए की मौत आपसी संघर्ष में होने की भी बताई जा रही है.इससे साफ है कि लगातार निगरानी का दावा करने वाले वन विभाग को आठ दिन तक बाघ के शव का पता ही नहीं चला.बदबू फैलने के बाद खोजबीन शुरू की गई. शुक्रवार को किशनपुर सेंचुरी की मैलानी रेंज के तालाब में बाघ का शव मिला था. इस बाघ के भी आपसी संघर्ष में मौत की बात सामने आई है.

Also Read: UP News : इंसानी आबादी में दाखिल हो रही बाघिन को एक बार फिर बेहोश कर पकड़ा गया, दहशत में दुधवा बफर जोन के लोग
आदेश बेअसर, सड़ने लगा था शव

दुधवा नेशनल पार्क में जानवर और पशुओं की निगरानी के आदेश थे मगर उनकी निगरानी नहीं की जा रही है. यही कारण है कि बाघ की मौत के बाद भी वन विभाग के कर्मचारियों को कई दिन बाद शव की जानकारी होती है. परीक्षण में यह बात सामने निकल कर आई है कि बाघ का शव तालाब के पानी में एक सप्ताह तक पड़ा रहा. इससे उसका शव सड़ने लगा था.वन विभाग का दावा है कि बाघों की 24 घंटे बारी-बारी से निगरानी कराई जाती है.बावजूद इसके बाघ का शव आठ दिनों तक पानी में पड़ा रहा और निगरानी टीमों की नजर नहीं गईं.

रिपोर्ट – मुहम्मद साजिद

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel