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अलीगढ़ः BJP मेयर प्रत्याशी प्रशांत सिंघल का नामांकन आरोपों के घेरे में आया, राज्य चुनाव आयोग से की गई शिकायत

अलीगढ़ बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से शिकायत कर नामांकन रद्द करने की मांग की है. सुरेंद्र नगर निवासी अनूप कौशिक ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को शिकायत भेजी है. आरोप लगाया है कि मेयर प्रत्याशी प्रशांत सिंघल 24 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल किया था.

यूपी नगर निकाय चुनावः अलीगढ़ में मेयर प्रत्याशी का नामांकन आरोपों के घेरे में आ गया है. दरअसल भाजपा के प्रत्याशी को नगर निगम द्वारा एनओसी देने पर सवाल उठाए गए हैं. अलीगढ़ बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से शिकायत कर नामांकन रद्द करने की मांग की है. सुरेंद्र नगर निवासी अनूप कौशिक ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को शिकायत भेजी है. आरोप लगाया है कि मेयर प्रत्याशी प्रशांत सिंघल 24 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल किया था. जिसमें नगर निगम द्वारा प्रदान की गई एनओसी भी दाखिल की गई.

एनओसी में नगर निगम के संपत्ति अधिकारी द्वारा उन पर कोई देयता व नगर निगम की संपत्ति न होने का प्रमाण पत्र दिया गया है. जबकि मेयर प्रत्याशी व उनके परिजनों पर पूर्व में नगर निगम भूमि को अवैध प्रपत्र के आधार पर बेचने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में हाईकोर्ट में रिवीजन लंबित है. नगर निगम के संपत्ति कर विभाग ने कोर्ट में रिट भी डाली थी. ऐसी परिस्थिति में नगर निगम द्वारा दी गई. एनओसी पूर्णता अवैधानिक होने के कारण मेयर पद का नामांकन निरस्त किए जाने की मांग की है.

क्या बताया मेयर प्रत्याशी प्रशांत सिंघल ने

हालांकि भाजपा के मेयर प्रत्याशी प्रशांत सिंघल ने मामला फर्जी बताया कि मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है. न्यायालय ने मुझे क्लीनचिट देकर बाइज्जत बरी किया है. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता. प्रशांत सिंघल बताते हैं कि जो मुकदमें पहले जमीनों के संबंध में लिखा गया व पूर्व में खत्म हो चुका है.

अनुप कौशिक का क्या कहना है

अनूप कौशिक कहते हैं कि जितने भी मुकदमे दर्ज हुए, उसमें कोर्ट की चार्ज सीट आई थी. नगर निगम ने भू माफियाओं की टॉप टेन लिस्ट भी निकाली थी. जिसमें प्रशांत सिंघल, निशांत सिंघल, राधेलाल का नाम दर्ज था. हाईकोर्ट में प्रशांत सिंघल के खिलाफ रिवीजन है. जो अभी पेंडिंग चल रहा है. तथ्यों को छुपाते हुए प्रशांत सिंघल को मेयर की टिकट कर दी गई.

प्रशांत सिंघल अपराधी श्रेणी में

अनूप कौशिक ने कहा कि जिस नगर निगम ने प्रशांत सिंघल को हाईकोर्ट तक अपराधी बना रखा है. उन्होंने ही एनओसी दे दी और एनओसी के आधार पर नामांकन भी पास हो गया. अपने नामांकन में आपराधिक इतिहास भी छुपाया गया. नगर निगम और पुलिस की पैरवी प्रशांत सिंघल को लाभ पहुंचाने की रही है.

रिपोर्टः अलीगढ़, आलोक

Prabhat Khabar News Desk
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