प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में मां कामाख्या मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास कर दिया है. अगर आप मां कामाख्या मंदिर के बारे में नहीं जानते हैं तो बता दें इस मंदिर में ही प्रसिद्ध अंबुबाची मेला का आयोजन किया जाता है. यहां हर साल जून में तीन दिन के लिए यह मेला लगता है. इस दौरान मंदिर के दरवाजे तीन दिन के लिए बंद कर दिए जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान जल कुंड से पानी की जगह रक्त प्रवाहित होता है, क्योंकि माता रजस्वला होती हैं. अगर इस मंदिर के बारे में अगर आप नहीं जानते हैं तो बता दें, गुवाहाटी में मौजूद यह मंदिर काफी प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की गिनती में आता है. इस मंदिर को खास तौर पर तांत्रिक देवी देवताओं को समर्पित किया गया है. इस मंदिर की उत्पत्ति की जो कहानी है वह भी काफी रोचक और आकर्षक है. बता दें इस मंदिर को 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है. कथा के अनुसार सती माता के शरीर को भगवान विष्णु द्वारा 51 टुकड़ों में विभाजित किया गया था. उनके शरीर के टुकड़े पूरी पृथ्वी पर जहां-जहां पड़े उन मंदिरों की गिनती शक्तिपीठ के तौर पर की जाने लगी. गुवाहाटी में स्थित मां कामाख्या मंदिर भी एक ऐसा ही शक्तिपीठ मंदिर है. यह मंदिर तंत्र विद्या के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. यह देश का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां तंत्र विद्या का काम किया जाता है.
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VIDEO: कामाख्या देवी मंदिर में मनाया जाता है अंबुबाची मेला, बड़ी अनोखी है परंपरा
इस मंदिर के बारे में अगर आप नहीं जानते हैं तो बता दें, गुवाहाटी में मौजूद यह मंदिर काफी प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की गिनती में आता है. इस मंदिर को खास तौर पर तांत्रिक देवी देवताओं को समर्पित किया गया है. इस मंदिर की उत्पत्ति की जो कहानी है वह भी काफी रोचक और आकर्षक है.
Saurabh Poddar
Digital Media Journalist having more than 2 years of experience in life & Style beat with a good eye for writing across various domains, such as tech and auto beat.
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