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पर्यावरण दिवस : जलस्तर ऊंचा करना है, तो लक्ष्मीतरु लगाइये

गुरुस्वरूप मिश्रा -पर्यावरण की रक्षा व किसानों की आय बढ़ाने में है मददगार लक्ष्मीतरू : ये फलदार वृक्ष न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बेहतर है, बल्कि जलस्तर ऊंचा करने में भी मददगार है. जल संरक्षण व प्रबंधन को लेकर आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा झारखंड में लक्ष्मीतरू लगाये जा रहे हैं. इससे न सिर्फ […]

गुरुस्वरूप मिश्रा

-पर्यावरण की रक्षा व किसानों की आय बढ़ाने में है मददगार

लक्ष्मीतरू : ये फलदार वृक्ष न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बेहतर है, बल्कि जलस्तर ऊंचा करने में भी मददगार है. जल संरक्षण व प्रबंधन को लेकर आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा झारखंड में लक्ष्मीतरू लगाये जा रहे हैं. इससे न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि जलस्तर ऊंचा होने से गांव खुशहाल हो सकेगा. रांची, खूंटी और गिरिडीह में काफी संख्या में लक्ष्मीतरू लगाये गये हैं.

लक्ष्मीतरू से गांव को बनाइये पानीदार : गांव का पानी गांव में रहे. इसके लिए जल संरक्षण और प्रबंधन की जरूरत है. इसी दिशा में पौधरोपण किया जाता है. आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा जलस्तर ऊंचा करने और किसानों की आय में बढ़ोतरी को लेकर लक्ष्मीतरू लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. पारसनाथ के शिखरजी और खूंटी में करीब 1000 लक्ष्मी तरू लगाये गये हैं. रांची जिले के बुढ़मू प्रखंड में एक हजार लक्ष्मीतरू के वृक्ष हैं. इससे गांव को पानीदार बनाने की कोशिश की गयी है. लक्ष्मीतरू के तना से दवा , बीज से तेल, पत्ते से चाय का काढ़ा, छिलका व गुदा का जूस तैयार होता है. इसकी जड़ जलस्तर को ऊंचा करने में मदद करती है.

नर्सरी में तैयार हो रहे पौधे : रांची के ठाकुरगांव, बोकारो के चंदनकियारी, खूंटी के कुदरी में लक्ष्मीतरू की नर्सरी लगायी गयी है. इसमें काफी संख्या में पौधे तैयार किये जा रहे हैं. रांची जिले के बुढ़मू के ठाकुरगांव में 10 हजार से अधिक पौधे तैयार किये जा रहे हैं. आप भी लक्ष्मीतरू लगाना चाहते हैं, तो लगनू महतो से उनके मोबाइल नंबर (8757500634) पर संपर्क कर सकते हैं. श्री महतो बताते हैं कि उनके द्वारा 10 हजार से अधिक लक्ष्मीतरू के पौधे तैयार किये जा रहे हैं. इसके तैयार होने में अभी एक माह का समय लगेगा. उनसे संपर्क कर पौधा लिया जा सकता है.

ऐसे लगाया जाता है पौधा : लक्ष्मीतरू लगाने के लिए डेढ़ फीट चौड़ा और तीन फीट गहरा गड्ढा खोदना है. इसमें कंपोस्ट खाद या केंचुआ खाद और रिजेंट (प्रति पौधा 50 ग्राम) मिलाकर पौधा लगा देंगे. इस क्रम में पानी भी देंगे. जब कभी पौधे में नमी की कमी दिखे, तो पानी देना है. पौधरोपण में दो पौधों के बीच कम से कम 10 फीट की दूरी रखना जरूरी है.

जलस्तर तो ऊंचा होगा ही, आय भी बढ़ेगी : आर्ट ऑफ लिविंग (झारखंड) के बेकन प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट हेड प्रवीण कुमार बताते हैं कि जल संरक्षण व प्रबंधन के लिए पौधरोपण किया जाता है. फलदार पौधों में अधिक से अधिक लक्ष्मीतरू लगाने की कोशिश की जाती है, ताकि पर्यावरण का संरक्षण तो हो ही, साथ ही जलस्तर ऊंचा हो सके. लक्ष्मीतरू की खासियत यह है कि यह व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी बेहतर है. फलदार लक्ष्मीतरू का हर चीज कीमती है. तना, बीज, पत्ता, छिलका(गुदा) और जड़ का अपना महत्व है.

बुढ़मू में ऊंचा हुआ है जलस्तर : रांची जिले के बुढ़मू प्रखंड के ठाकुरगांव के किसान लगनू महतो कहते हैं कि लक्ष्मीतरू का पौधरोपण किया गया था. अभी बुढ़मू प्रखंड में एक हजार लक्ष्मीतरू के वृक्ष लगे हुए हैं. इसका असर दिखा है. प्रखंड क्षेत्र में लक्ष्मीतरू लगाने के पहले गर्मी के दिनों में जलस्तर काफी नीचे रहता था. काफी संख्या में इसके लगाने से क्षेत्र का जलस्तर ऊंचा हुआ है. अभी भी कुएं का जलस्तर नीचे नहीं गया है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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