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चांद से धूल-मिट्टी लाकर बेचने की तैयारी, जल्द होगी खुदाई शुरू

खगोलीय दुनिया : 2020 में फ्लोरिडा की एक कंपनी चांद पर करायेगी खुदाई खूबसूरती के प्रतीक चांद के व्यावसायिक इस्तेमाल की तैयारी हो रही है. फ्लोरिडा की एक कंपनी ने चांद पर खुदाई की योजना तैयार की है. खुदाई के दौरान चांद पर जो कुछ मिलेगा, उसे धरती पर लाकर मुंह मांगी कीमतों पर बेचा […]

खगोलीय दुनिया : 2020 में फ्लोरिडा की एक कंपनी चांद पर करायेगी खुदाई
खूबसूरती के प्रतीक चांद के व्यावसायिक इस्तेमाल की तैयारी हो रही है. फ्लोरिडा की एक कंपनी ने चांद पर खुदाई की योजना तैयार की है. खुदाई के दौरान चांद पर जो कुछ मिलेगा, उसे धरती पर लाकर मुंह मांगी कीमतों पर बेचा जायेगा. नासा ने निजी कंपनी मून एक्सप्रेस को इसकी अनुमति भी दे दी है.
पिछले साल मिली अनुमति
अब तक चांद की दुहाई खूबसूरती के प्रतीक के तौर पर दी जाती रही है. बोलचाल में लोग वायदों के क्रम में चांद-तारे तोड़ कर लाने की दुहाई भी देते हैं. लेकिन, क्या ऐसा हकीकत में हो सकता है? एक निजी कंपनी ने चांद पर खुदाई की योजना बना कर इस दिशा में कदम बढ़ाया है.
फ्लोरिडा की कंपनी मून एक्सप्रेस चांद पर खुदाई की तैयारी कर रही है. उसकी योजना वर्ष 2020 में चांद पर खुदाई कराने की है. खुदाई के दौरान चांद पर जो कुछ (पत्थर, धूल या मिट्टी) मिलेगा, उसे यह कंपनी धरती पर लायेगी. मून एक्सप्रेस के मालिक बॉब रिचर्ड का कहना है कि धरती पर चांद से लाये गये ये पदार्थ दुर्लभ और बहुमूल्य होंगे. हम इनमें से कुछ को वैज्ञानिक शोध को लिए उपलब्ध करायेंगे. लेकिन, हमारी योजना इससे कमाई करने की भी है. वैसे मून एक्सप्रेस फिलहाल कम लागत पर चंद्रमा की सतह तक यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाने पर ध्यान दे रहा है. यह यात्रा वाणिज्यिक, निजी, शैक्षणिक और सरकारी हो सकती है.
तीन चरण की योजना : मून एक्सप्रेस पहली ऐसी कंपनी है जिसे 2016 में यूएस फेडरल एविएशन से पृथ्वी के बाहर जाने की अनुमति प्राप्त हो चुकी है. कंपनी तीन बार चांद पर जाने की योजना बना रही है. इस दौरान कंपनी चांद से बॉस्केट बॉल के साइज का पदार्थ लायेगी. पदार्थों की बिक्री कार्ययोजना का दूसरा हिस्सा है. अगर चांद से लाये गये पत्थर का प्रयोग ज्वैलरी में किया जाता है तो यह काफी महंगा हो सकता है.
कई कंपनियों की नजर : वैसे कई कंपनियां चांद और क्षुद्र ग्रहों पर खुदाई का काम शुरू करने की योजना बनने में जुटी हुई हैं. कुछ साल या आनेवाले दशक में ऐसी परियोजनाओं के शुरू होने की उम्मीद है. इस खेल में चीन सबसे अहम भूमिका अदा करता दिख रहा है. ऐसी कंपनियां खगोलीय वस्तुओं के बाजार में प्रभावी होने का रास्ता खोज रही हैं. इन्हें अंतरिक्ष से चमकते धन का संकेत मिल रहा है. रिचर्ड का मानना है कि अंतरिक्ष के स्रोतों से ही पहला ट्रिलियनायर बना जा सकता है.
ईंधन की भी खोज
विशेषज्ञों का आकलन है कि चांद पर काफी मात्रा में भविष्य के विशेष ईंधन की भरमार है. ये ईंधन हीलियम 3 है. कुछ लोगों का कहना है कि धरती को हजारों वर्ष तक जितनी ऊर्जा की जरूरत होगी, उसकी पूर्ति वैज्ञानिक फ्यूजन पॉवर टेक्नोलॉजी का उपयोग कर पूरा कर सकते हैं. वहीं पहाड़ के आकार के प्लेटिनम के क्षुद्र ग्रह पर नियंत्रण कर उसे पृथ्वी पर लाकर काफी पैसा बनाया जा सकता है. चंद्रमा पर भी ऐसे पदार्थ मिल सकते हैं जो पृथ्वी पर काफी कम मात्रा में उपलब्ध हैं.
Prabhat Khabar Digital Desk
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