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जाते-जाते अमेरिकी सेना ने तालिबान को दिया जोर का झटका, हथियार के नाम पर पकड़ा दिये खिलौने

अफगानिस्तान में 20 साल के अभियान में अमेरिका को कुछ मिला हो या न हो, लेकिन तालिबान को अमेरिका से बहुत कुछ मिला है. अमेरिकी हथियारों के दम पर वो दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी संगठन बन गया है. हालांकि अमेरिकी सेना का दावा इससे उलट है.

अफगानिस्तान की सरजमीं से अमेरिकी सैनिकों के हटते ही पूरे अफगानिस्तान पर तालिबानी राज कायम हो गया है. 20 साल के इस अभियान से अमेरिका को कुछ मिला हो या न हो, लेकिन तालिबान को अमेरिका से बहुत कुछ मिला है. जी हां, अब तालिबान दुनिया के सबसे बड़े आतंकी संगठनों में से एक हो गया है. जिसके पास हथियारों का विशाल भंडार है. जिसमें अधिकांश हथियार अमेरिका में बने है.

अमेरिकी हथियारों के दम पर तालिबान अब कितना शक्तिशाली बन गया है, जिसकी कल्पना करना भी मुस्किल है. आज दुनिया के कई छोटे-बड़े देश से ज्यादा हथियारों का जखीरा अकेले ही तालिबान के पास है. तालिबान एक ऐसा आतंकी संगठन बन गया है जिसके पास अपना एयर फोर्स भी है.

तालिबान के पास अमेरिकी हथियारों का कितना बड़ा जखीरा: जमीन से लेकर बख्तरबंद गाड़ियां, युद्धक विमान, खतरनाक हथियार, गोला बारूद आज इनके ढेर पर तालिबान बैठा है. अफगानिस्तान में अमेरिका ने रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार रोधी C-RAM सिस्टम को छोड़ दिया है. जो अब तालिबान के कब्जे में है.

तालिबान के पास वायुसेना: अफगानिस्तान सेना अमेरिका ने जो फाइटर प्लेन और हेलीकॉप्टर दिए थे उसपर अब तालिबान अपना कब्जा जमा चुका है. अब तालिबान के पास ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर से लेकर टुकानो एयरक्राफ्ट तक हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबना के पास 33 एनआई-17 विमान और 33 यूएच 60 ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर है.

इसके अलावा तालिबान के पास 40 से ज्यादा एमडी 530 हेलीकॉप्टर, 4 सी 130 ट्रांसपोर्ट विमान और 23 सुपर टुकानो विमान भी है. इसके अलावा तालिबान के पास करीब 30 सेसना 2 सौ से ज्यादा एयरक्राफ्ट भी है. वे वहीं हथियार हैं जिसे अमेरिकी सेना ने एफगानिस्तान की सेना को दिया था. लेकिन अब आशंका जकाई जा रही है कि, ये सब हथियार अब तालिबान के कब्जे में हैं.

सभी हथियारों को अमेरिकी सेना ने कर दिय डिसेबल: अमेरिकी हथियारों को पाकर जहां तालिबान खुशी से फूला नहीं समा रहा वहीं, अमेरिकी सेना का दावा है कि जाते-जाते उसने सभी हथियारों को डिसेबल कर दिया है. सेना का कहना है कि, विमानों, सशस्त्र वाहनों और यहां तक की हाईटेक रॉकेट डिफेंस सिस्टम तक को सेना ने डिसेबल कर दिया है. अब तालिबान के लिए अमेरिकी हथियार महज एक खिलौना है.

अमेरिका सेना में जनरल केनेथ मैकेंजी का इसको लेकर कहना है कि, काबुल एयरपोर्ट पर मौजूद 73 विमानों को सेना ने बेकार कर दिया है. यानी अब ये विमान कभी नहीं उड़ सकेंगे. सेना ने 70 बख्तरबंद वाहनों को भी नष्ट कर दिया है. मोर्टार रोधी सी-आरएएम सिस्टम को भी बेकार कर दिया गया है. यानी अमेरिका से जो तालिबान को हथायार मिले हैं वो अब उसके किसी काम का नहीं है.

Posted by: Pritish Sahay

Prabhat Khabar Digital Desk
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