China Discovered Gold Reserve: दुनियाभर में सोने की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं और भारत में शुक्रवार को यह 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गई. सोने की कीमतों में यह उछाल ऐसे समय में देखा जा रहा है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल है. डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण चीन और भारत समेत कई देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर असर पड़ रहा है. इस ट्रेड वॉर के कारण वैश्विक मंदी की आशंका भी बढ़ गई है. ऐसे माहौल में निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प के रूप में देख रहे हैं, जिसके चलते इसकी मांग में तेज़ी आई है.
केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद और चीन की बड़ी खोज
सोने की बढ़ती कीमतों के बीच दुनियाभर के केंद्रीय बैंक बड़ी मात्रा में सोने की खरीद कर रहे हैं. इसी बीच चीन से एक बड़ी खबर आई है. चीन ने दावा किया है कि उसे देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में 1000 टन सोने का विशाल भंडार मिला है. यह खोज चीन के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि इससे देश के सोने के भंडार में भारी बढ़ोतरी होगी. इससे पहले, पिछले वर्ष भी चीन ने 80 अरब डॉलर के सोने का भंडार खोजने का दावा किया था. चीन के अलावा ऑस्ट्रेलिया ने भी सोने के खनन में बड़ा कदम उठाया है. ऑस्ट्रेलिया ने सोने के उत्पादन को तेजी से बढ़ाते हुए बड़े पैमाने पर सोने की निकासी शुरू कर दी है.
विशाल भंडार से चीन को मिल सकती है बढ़त
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन को मिला नया सोने का भंडार दुनिया के सबसे बड़े भंडारों में से एक हो सकता है. किसी देश के पास बड़े पैमाने पर सोने का भंडार होने से उसे वैश्विक आर्थिक संकट से निपटने में मदद मिलती है. इसके अलावा, सोना बैटरियों और इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण में भी उपयोगी होता है, जिससे इसका औद्योगिक महत्व भी बढ़ जाता है. चीन पहले से ही दुनिया में सबसे अधिक सोना उत्पादन करने वाला देश है. साल 2024 में चीन ने 380 टन सोने का उत्पादन किया था. हालांकि, भंडार के मामले में वह अभी भी दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से पीछे है.
विशेषज्ञों ने चीन के दावे पर जताया संदेह
चीन के लाइओनिंग प्रांत में मिला यह नया सोने का भंडार चीन को उत्पादन के क्षेत्र में बढ़त देने में मदद करेगा. हालांकि, कई विशेषज्ञ इस भंडार की सटीकता और गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की खदानों से वास्तव में कितना सोना निकाला जा सकता है, यह अभी स्पष्ट नहीं है.
चीन का दावा है कि यह खानें खनन के लिए उपयुक्त हैं और यहां बड़े पैमाने पर सोने की निकासी की जा सकती है. इससे पहले भी चीन ने नवंबर में वुनान प्रांत के वांगू गोल्डफील्ड में 80 अरब डॉलर मूल्य के सोने का भंडार मिलने की घोषणा की थी.
वांगू में मिला सोना लगभग एक मील गहराई में चट्टानों के भीतर स्थित है. चीन का मानना है कि यह खोज देश की आर्थिक और संसाधन सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. हालांकि, भूगर्भ विज्ञानियों ने चीन के इन दावों की स्वतंत्र रूप से जांच करने की मांग की है और कहा है कि इस सोने को निकालने में कई साल लग सकते हैं.
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ऑस्ट्रेलिया बना सोने के उत्पादन का बड़ा खिलाड़ी
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया ने भी सोने के उत्पादन को तेज़ी से बढ़ाने की योजना बनाई है. दुनिया में सोने की बढ़ती मांग को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने बड़े पैमाने पर खनन गतिविधियां शुरू कर दी हैं. विशेषज्ञों का अनुमान है कि साल 2030 तक ऑस्ट्रेलिया दुनिया का सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश बन सकता है. वर्तमान में, ऑस्ट्रेलिया हर साल 289 टन सोना निकाल रहा है, लेकिन 2030 तक यह उत्पादन बढ़कर 377 टन तक पहुंच सकता है. इससे वह चीन और रूस जैसे देशों को पीछे छोड़ सकता है.
सोने की कीमतों में उछाल के पीछे कई कारण हैं, जिनमें वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, व्यापार युद्ध, और बढ़ती निवेश मांग शामिल हैं. चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश सोने के भंडार और उत्पादन में बढ़त हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, चीन के हालिया दावे पर कुछ विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की है. आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा देश सोने के उत्पादन और भंडारण में शीर्ष पर रहता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है.
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