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Bangladesh Crisis: कौन हैं मोहम्मद यूनुस जिसे प्रदर्शनकारी बनाना चाहते हैं अंतरिम सरकार का प्रमुख, संसद भंग

Bangladesh Crisis: शेख हसीना के ढाका छोड़ने के 24 घंटे के बाद भी बांग्लादेश की स्थिति सामान्य नहीं हुई है. प्रदर्शनकारी लगातार हिंसा कर रहे हैं. इस बीच राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद भंग करने की घोषणा कर दी है.

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद, प्रधानमंत्री पद से उनके (शेख हसीना के) इस्तीफा देने और देश छोड़ने के एक दिन बाद मंगलवार को संसद भंग कर दी.

सेना प्रमुख, राजनीतिक पार्टियों के नेता और आंदोलनकारी छात्रों से चर्चा के बाद संसद भंग

‘डेली स्टार’ अखबार ने राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक बयान को उद्धृत करते हुए कहा, संसद को भंग करने का निर्णय सशस्त्र बलों के तीनों प्रमुखों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों और आंदोलनकारी छात्रों के नेताओं के साथ राष्ट्रपति की चर्चा के बाद लिया गया.

बांग्लादेशी प्रदर्शनकारी मोहम्मद यूनुस को बनाना चाहते हैं अंतरिम सरकार का प्रमुख

बांग्लादेश में सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के एक दिन बाद ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि वे नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ मोहम्मद यूनुस को देश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाना चाहते हैं. आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि उन्होंने यूनुस (84) से पहले ही बात कर ली है और वह बांग्लादेश को बचाने की खातिर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हो गए हैं.

खालिदा जिया रिहा, एक जुलाई से अगस्त के बीच गिरफ्तार लोगों को किया जा रहा रिहा

बीएनपी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया है. इसके अलावा, एक जुलाई से अगस्त के बीच गिरफ्तार किये गए लोगों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और कई लोगों को पहले ही रिहा किया जा चुका है. संसद को भंग करने के राष्ट्रपति के कदम ने देश में नए सिरे से चुनाव कराये जाने का रास्ता साफ कर दिया है.

कौन हैं मोहम्मद यूनुस

गरीब लोगों के लिए बैंकिंग सुविधा संबंधी मोहम्मद यूनुस के प्रयोग ने बांग्लादेश को लघु ऋण का केंद्र होने की पहचान दिलाई. यूनुस फिलहाल देश से बाहर हैं, लेकिन उन्होंने हसीना के अपदस्थ होने का स्वागत किया और इस घटनाक्रम को देश की दूसरी मुक्ति करार दिया. यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से गरीबी उन्मूलन अभियान चलाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके इस तरीके को विभिन्न महाद्वीपों में अपनाया गया. यूनुस और हसीना सरकार के बीच अस्पष्ट कारणों से लंबे समय से विवाद है. हसीना के 2008 में सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू की थीं. बांग्लादेश के प्राधिकारियों ने 2011 में वैधानिक ग्रामीण बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की थी और सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने के आरोप में यूनुस को इसके संस्थापक प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया था.

यूनुस के खिलाफ दर्जनों मामलों में आरोप

यूनुस के खिलाफ दर्जनों मामलों में आरोप लगाए गए हैं. जनवरी में यूनुस को श्रम कानून उल्लंघन के आरोप में अदालत ने छह महीने कारावास की सजा सुनाई थी. कई लोगों का मानना ​​है कि यूनुस ने 2007 में उस समय राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी, जब देश में सैन्य समर्थित सरकार थी और हसीना जेल में थीं. हसीना, यूनुस की इस घोषणा से नाराज हो गई थीं. हालांकि, यूनुस ने अपनी योजना पर अमल नहीं किया था, लेकिन उस समय उन्होंने बांग्लादेशी नेताओं की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि उनकी रुचि केवल पैसे में है.

यूनुस ने शेख हसीना पर लगाया था गंभीर आरोप

यूनुस ने देश वापस लौटने और अपना काम जारी रखने की इच्छा जताई थी. उन्होंने साथ मिलकर बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए छात्रों की प्रशंसा की थी और हसीना पर अपने पिता एवं बांग्लादेश के संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया था.

बांग्लादेश में अबतक 400 से अधिक लोगों की मौत

बांग्लादेश में सोमवार को उस समय अराजकता फैल गई, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया और वह सैन्य विमान से देश छोड़कर चली गईं. हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की. देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में पिछले 15 दिन में 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

जिया और खालिदा के बीच क्यों है लड़ाई?

ArbindKumar Mishra
ArbindKumar Mishra
मुख्यधारा की पत्रकारिता में 14 वर्षों से ज्यादा का अनुभव. खेल जगत में मेरी रुचि है. वैसे, मैं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर काम करता हूं. झारखंड की संस्कृति में भी मेरी गहरी रुचि है. मैं पिछले 14 वर्षों से प्रभातखबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इस दौरान मुझे डिजिटल मीडिया में काम करने का काफी अनुभव प्राप्त हुआ है. फिलहाल मैं बतौर शिफ्ट इंचार्ज कार्यरत हूं.

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