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अमेरिका में नहीं रह पाएंगे लाखों भारतीय छात्र, इस नये फैसले के कारण लग सकता है बड़ा झटका

coronavirus update, covid-19 in united states, student visa : कोरोना संकट के इस दौर में कुवैत में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस भेजने की चर्चा के बीच अब अमेरिका से भी एक झटका देने वाली खबर सामने आयी है. एच1बी वीजा पर रोक लगाने वाले अमेरिका ने अब स्टूडेंट वीजा को लेकर बड़ा फैसला किया है.

coronavirus update, covid-19 in united states: कोरोना संकट के इस दौर में कुवैत में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस भेजने की चर्चा के बीच अब अमेरिका से भी एक झटका देने वाली खबर सामने आयी है. एच1बी वीजा पर रोक लगाने वाले अमेरिका ने अब स्टूडेंट वीजा को लेकर बड़ा फैसला किया है. इस फैसले के तहत अमेरिका ने विदेशी छात्रों के लिए स्टूडेंट वीजा वापस लेने की घोषणा की है. यह वह छात्र हैं जिनकी कक्षाएं ऑनलाइन चलती हैं. वैसे विदेशी छात्र जिनकी कक्षाएं सिर्फ ऑनलाइन हो रही है, उन्हें अमेरिका में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसका मतलब साफ है कि अमेरिका से बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को वापस भेजा जा सकता है.

कोरोना सकंट के कारण ये फैसला लिया गया है. बता दें कि वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक, 11 लाख से ज्यादा छात्रों के पास संयुक्त राज्य अमेरिका का स्टूडेंट वीजा है. अमेरिकी न्यूज वेबसाइट सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग (इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट एजेंसी) ने सोमवार को कहा है कि वैसे छात्र जिनके स्कूल/कॉलेज ऑनलाइन चल रहे हैं, उन्हें अमेरिका जल्द ही छोड़ना होगा. साथ ही स्टूडेंट वीजा पर ऐसे छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

एजेंसी का कहना है कि अगर छात्र नए नियमों का उल्लंघन करते पाए तो उन्हें वापस उनके देश भेजा जा सकता है. बता दें कि अमेरिका के कई नामी विश्वविद्यालयों ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से अपनी कक्षाएं पूरी तरह ऑनलाइन कर दी थीं. अभी ये साफ नहीं है कि नई प्रवासन नीति से कितनी बड़ी संख्या में विदेशी छात्र प्रभावित होंगे. अमेरिक की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने भी अपनी सभी कक्षाएं ऑनलाइन करने का ऐलान किया था. इस नए ऐलान के बाद अब छात्रों के सामने दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है.

अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या दो लाख से ज्यादा

भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका अब भी सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन है, हालांकि वीजा और इमीग्रेशन पॉलिसी के कारण इसमें अब कुछ कमी आई है. 2017-18 में जहां अमेरिका में 1.96 लाख स्टूडेंट थे, वहीं 2018-19 में यह संख्या 2.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2.02 लाख हो गई है. अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की 18 फीसद है. अमेरिका में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों के मामले में भारत का नंबर चीन के बाद दूसरा है।अमेरिका में चीनी छात्रों की संख्या साढ़े तीन लाख से ज्यादा है. 2019 ओपेन डोर रिपोर्ट ऑन इंटरनेशनल एजुकेशन एक्सचेंज’ नामक रिपोर्ट के अनुसार उपरोक्त शैक्षणिक सत्र में अमेरिका में विदेशी छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा रही. इस रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी छात्रों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को उस साल 44.7 अरब डॉलर (लगभग तीन लाख करोड़ रुपये) का मुनाफा हुआ है.

कोरोनाः अमेरिका में मरने वालों की संख्या भयावह स्तर पर

जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या एक लाख 30 हजार से भी ज़्यादा हो गई है. इसका मतलब ये हुआ कि अमेरिका में मौतों का आंकड़ा ब्राज़ील से दोगुना है. अमेरिका के बाद कोविड-19 से सबसे ज़्यादा लोग ब्राज़ील में ही मरे हैं. यहां कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से अब तक 64, 867 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सबसे ज़्यादा मौतें (32 हज़ार से ज़्यादा) हुई हैं और अब दक्षिणी राज्यों में भी पुष्ट संक्रमण मामलों का आंकड़ा बढ़ रहा है.

Posted By: Utpal kant

Prabhat Khabar Digital Desk
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