Country Without Capital: जब भी हम किसी देश के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले हमारे जहन में उसकी राजधानी का नाम आता है. जैसे भारत की राजधानी दिल्ली, अमेरिका की वॉशिंगटन डीसी, और फ्रांस की पेरिस. राजधानी ही किसी देश की नीतियों का केंद्र होती है, जहां से सरकार चलती है, कानून बनते हैं, और देश की दिशा तय होती है.
लेकिन जरा सोचिए, अगर किसी देश की कोई राजधानी ही न हो तो? क्या ऐसा हो सकता है? जी हां, दुनिया में एक ऐसा भी देश है, जो इस पारंपरिक धारणा को तोड़ता है. एक ऐसा देश जिसकी कोई आधिकारिक राजधानी नहीं है, और फिर भी वह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है, अपना स्वतंत्र झंडा है, संविधान है, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उसकी मौजूदगी है. इस छोटे से, लेकिन बेहद खास देश का नाम है नाउरू (Nauru). चलिए, जानते हैं इस अनोखे देश की कहानी…
यह द्वीपीय देश दक्षिणी प्रशांत महासागर में बसा है और इसे दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र गणराज्य भी कहा जाता है. कुल 21 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला यह देश न तो किसी महाद्वीप से जुड़ा है और न ही इसकी कोई राजधानी तय है.
Country Without Capital: यारेन
हालांकि नाउरू की कोई आधिकारिक राजधानी नहीं है, लेकिन यहां यारेन (Yaren) नाम का एक कस्बा है, जिसे प्रशासनिक केंद्र माना जाता है. इसी यारेन में संसद भवन, हवाई अड्डा, सरकारी कार्यालय और विदेशी दूतावास मौजूद हैं. यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसे “डि फैक्टो कैपिटल” कहा जाता है.
जनसंख्या और जीवनशैली
नाउरू की कुल जनसंख्या लगभग 10,000 के आसपास है, जो इसे दुनिया का तीसरा सबसे कम आबादी वाला देश बनाती है (वेटिकन और टुवालु के बाद). यहां के लोग नारियल की खेती करते हैं और समुद्री मछलियों से अपनी आजीविका चलाते हैं. पहले यह देश फॉस्फेट (Phosphate) के निर्यात से काफी अमीर हुआ करता था, लेकिन अब वह खनिज लगभग समाप्त हो चुका है. इसके बाद से देश ने अन्य क्षेत्रों में खुद को खड़ा करने की कोशिश की.
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खेलों में भी मौजूदगी (Nauru Country Without A Capital)
इतनी छोटी आबादी और क्षेत्रफल के बावजूद, नाउरू ने ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लिया है. वेटलिफ्टिंग इस देश का प्रमुख खेल है, और नाउरू के एथलीटों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पदक भी जीते हैं. नाउरू इतना छोटा है कि इसे पैदल या गाड़ी से दो घंटे में पूरे देश का चक्कर लगाया जा सकता है. यहां घूमने के लिए ज्यादा जगहें नहीं हैं, लेकिन प्रशांत महासागर का खूबसूरत तटीय दृश्य और शांत वातावरण इसे खास बनाते हैं.
देश में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है जो नाउरू को बाकी दुनिया से जोड़ता है, हालांकि यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी कम रहती है. नाउरू का झंडा भी इसकी जनजातीय पहचान को दर्शाता है. झंडे में एक 12-कोणीय सफेद तारा है, जो देश की 12 पारंपरिक जनजातियों का प्रतीक है.