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Harvard University की टैक्स छूट पर संकट, ट्रंप की चेतावनी के बाद IRS की सख्ती

Harvard University vs Trump: ट्रंप प्रशासन की तरफ से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को दी जाने वाली वित्तीय सहायता खत्म कर दी गई है. जिसके बाद अब प्रशासन यूनिवर्सिटी के टैक्स-मुक्त स्टेटस को निशाना बना रहा है. अमेरिकी एजेंसी यूनिवर्सिटी के टैक्स-मुक्त स्टेटस को समाप्त करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है.

Harvard University: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी एक टैक्स-मुक्त यूनिवर्सिटी है. लेकिन जल्द ही यह अपना टैक्स-मुक्त स्टेटस खोने वाला है. अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार अमेरिका आंतरिक राजस्व सेवा (IRS) यूनिवर्सिटी की टैक्स छूट स्टेटस को जल्द से खत्म करने की तैयारी में लगा हुआ है. इस मुद्दे पर बात करते हुए ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर एक पोस्ट भी डाला है.

ट्रंप ने पोस्ट में क्या कहा?

ट्रंप ने पोस्ट में लिखा कि ‘शायद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को अब अपनी टैक्स छूट की स्थिति खो देनी चाहिए. इसे भी अब एक अन्य साधारण राजनीतिक संस्था की तरह टैक्स देना चाहिए, यदि यह राजनीतिक, वैचारिक और आतंकवादी सोच की ‘बीमारी’ का समर्थन देना जारी रखता है. याद रहे कि एक यूनिवर्सिटी को टैक्स छूट का दर्जा तभी मिलता है जब वह जनहित में काम करे’.

ट्रंप प्रशासन की मांगें क्या हैं?

ट्रंप प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी को पिछले शुक्रवार को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें मांग की गई थी कि एडमिशन और हायरिंग मेरिट के आधार पर किया जाए. एडमिशन से पहले छात्र और फैकल्टी के विचारों की जांच की जाए. कुछ क्लबों की मान्यताओं को समाप्त कर दिया जाए. डाइवर्सिटी, इक्विटी और इनक्लूजन जैसे प्रोग्रामों के आयोजन बंद कर दिए जाएं. मास्क पहनने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए. कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा को बढ़ावा देने वाले संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

वित्तीय सहायता के बाद अब टैक्स-फ्री स्टेटस भी हो जाएगा खत्म?

ट्रंप सरकार का कहना है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एंटी-सेमिटिज्म, मतलब यहूदी विरोधी गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे रोकने के लिए कुछ जरूरी बदलाव करना आवश्यक है. लेकिन जब यूनिवर्सिटी ने प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देश मानने से इनकार कर दिया. जिसके जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने वित्तीय सहायता बंद कर दिया था और यूनिवर्सिटी से माफी मांगने की मांग की थी. लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से माफी मांगने से मना कर दिया. जिसके बाद यह फैसला आया है.

हार्वर्ड ने निर्देश मानने से क्यों किया इनकार?

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट एलन गार्बर ने निर्देशों को मानने से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि वह यूनिवर्सिटी की स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों के साथ समझौता नहीं करेंगे.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ समय पहले ही बड़ा ऐलान करते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मिलने वाली वित्तीय सहायता बंद कर दी थी. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को प्रति वर्ष प्रशासन की तरफ से 2.2 अरब डॉलर का ग्रांट और 60 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट राशि दिया जाता था, जो कि डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद बंद कर दिया जाएगा. इसके बाद अब यूनिवर्सिटी अपने टैक्स-फ्री स्थिति खोने की कगार पर खड़ी है.

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Neha Kumari
Neha Kumari
प्रभात खबर डिजिटल के जरिए मैंने पत्रकारिता की दुनिया में पहला कदम रखा है. यहां मैं एक इंटर्न के तौर पर काम करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जुड़े विषयों पर कंटेंट राइटिंग के बारे में सीख रही हूं.

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