Iran Israel Attack: सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने रविवार को एक बड़ा खुलासा किया है. सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर मेदवेदेव ने दावा किया कि कई देश ईरान को अपने न्यूक्लियर हथियार सीधे देने के लिए तैयार हैं. रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने दावा किया है कि अमेरिका का ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हमला नाकाम रहा है. हमले का कोई असर नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर असर हुआ भी है तो बहुत मामूली. उनका यह बयान अमेरिका के उस हमले के बाद आया है जिसमें यूएस एयर फोर्स (US Air Force) ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर पर एयर स्ट्राइक किया था.
मध्य पूर्व एशिया में अमेरिकी हमलों ने बढ़ाया तनाव
मेदवेदेव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि अमेरिकी हमले से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कोई खास क्षति तो नहीं पहुंची उल्टे इससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है. अपने ट्वीट में मेदवेदेव ने ट्रंप पर तंज कसते हुए उन्हें “शांति का राष्ट्रपति” से “युद्ध शुरू करने वाला” करार दिया. उन्होंने कहा कि ट्रंप की नोबेल शांति पुरस्कार पाने की लालसा अब दूर की कौड़ी साबित होगी. भले ही इसमें कितनी भी धांधली क्यों न हो. उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलने वाला है.
इजराइल और अमेरिका की कार्रवाई के विरोध में कई देश- मेदवेदेव
रूस के पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा डोनाल्ड ट्रंप जिन्हें कभी शांति के राष्ट्रपति के रूप में जाना जाता था उन्होंने अमेरिका को एक और युद्ध में धकेल दिया है. दुनिया भर के अधिकांश देश इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका की कार्रवाइयों का विरोध करते हैं. उन्होंने यह भी लिखा कि ईरान का राजनीतिक शासन बच गया है. साथ ही और भी मजबूत होकर सामने आया है. उन्होंने लिखा कि ईरान के लोग देश के आध्यात्मिक नेतृत्व के इर्द-गिर्द एकजुट हो रहे हैं. सबसे बड़ी बात की इनमें वो लोग भी शामिल हैं जो पहले इस शासन के खिलाफ खड़े थे.
इजराइल पर जारी है ईरान का हमला
मेदवेदेव ने कहा कि इजराइल पर हमला हो रहा है. देश में लगातार विस्फोट हो रहे हैं और लोगों के मन में एक घबराहट घर कर गई है. उन्होंने लिखा कि अमेरिका अब एक नए संघर्ष में उलझ गया है. एयर स्ट्राइक के बाद जमीनी कार्रवाई की संभावनाएं बढ़ गई हैं. उन्होंने लिखा ईरान में परमाणु सामग्री का संवर्धन और, अब हम इसे स्पष्ट रूप से कह सकते हैं, परमाणु हथियारों का भविष्य का उत्पादन जारी रहेगा.
अमेरिका ने किया ईरान पर हमला
इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब रविवार को अमेरिका भी कूद पड़ा है. ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों को और मजबूती देने के लिए अमेरिका ने रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए. अमेरिका ने हमले के कहा कि अमेरिकन स्टील्थ बॉम्बर’ और 30,000 पाउंड वजनी बंकर-बस्टर बम ने जमीन के अंदर गहरे में स्थापित ईरानी परमाणु केंद्रों को नष्ट कर दिया है. हमले की कामयाबी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पुष्टि की.
इजराइल ईरान में जारी है लड़ाई
बीते करीब 10 दिनों से इजराइल और ईरान के बीच जंग जारी है. इजराइल मिसाइल और एयर स्ट्राइक के जरिए ईरान के विभिन्न इलाकों को निशाना बना रहे हैं. वहीं ईरान की ओर से भी इजराइल के विभिन्न ठिकानों पर मिसाइल बरस रहे हैं. इसी दौरान अमेरिका ने ईरान पर हमला कर युद्ध को एक और दिशा दे दी है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने रविवार को कहा कि उनका देश अपने विभिन्न परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के जवाब में आगे जो भी कार्रवाई करेगा उसके लिए वाशिंगटन पूरी तरह जिम्मेदार होगा.