Israel Iran War: मध्य पूर्व में ईरान और इजराइल के बीच जंग जैसे हालात बन चुके हैं, लेकिन इसी बीच एक चौंकाने वाला मोड़ आया है. ईरान के बदले की कार्रवाई पर मुस्लिम देश जॉर्डन ने खुद ही रोक लगा दी है. जॉर्डन ने साफ कर दिया है कि वह अपने एयरस्पेस का इस्तेमाल इजराइल पर हमले के लिए नहीं होने देगा. जॉर्डन की इस कड़ी प्रतिक्रिया के बाद ईरान के मिशन को करारा झटका लग सकता है.
जॉर्डन ने बंद किया अपना एयरस्पेस
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जॉर्डन ने 13 जून की रात से अपने एयरस्पेस को पूरी तरह बंद कर दिया है. साथ ही पूरे देश में सायरन अलर्ट जारी कर दिया गया है. जॉर्डन का कहना है कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा और ईरान की ओर से आने वाले किसी भी ड्रोन या मिसाइल को अपने क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देगा.
ईरान और जॉर्डन की पुरानी दुश्मनी
हालांकि दोनों देश मुस्लिम हैं, लेकिन मज़हबी मतभेदों और ऐतिहासिक घटनाओं के चलते उनके संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. जॉर्डन एक सुन्नी बहुल देश है, जबकि ईरान शिया बहुल. 1980 के ईरान-इराक युद्ध में जॉर्डन ने ईरान के विरोधी इराक का खुलकर समर्थन किया था. तभी से दोनों के रिश्तों में खटास बनी हुई है.
इजराइल से जॉर्डन के आर्थिक संबंध
जॉर्डन के इजराइल से गहरे आर्थिक संबंध भी इस फैसले के पीछे की एक अहम वजह हैं. जॉर्डन इजराइल के हाइफा पोर्ट के जरिए अपने सामान को तुर्किए और यूरोप भेजता है. ऐसे में जॉर्डन का इजराइल से टकराव उसके खुद के व्यापारिक हितों को नुकसान पहुंचा सकता है.
ईरान को बड़ा झटका
जॉर्डन के इस रुख से ईरान के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. अगर उसे जॉर्डन और इराक जैसे देशों के एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं करने दिया गया, तो इजराइल तक सीधे पहुंचना बेहद कठिन हो जाएगा. इससे ईरान की जवाबी कार्रवाई की रणनीति कमजोर पड़ सकती है.