Israel Iran War : ईरान ने शुक्रवार दोपहर को इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार की. इससे पूरे देश में अलार्म बज गया और करीब 10 मिलियन लोग बम शेल्टर की ओर भागे. उत्तरी शहर कारमील में एक महिला को दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ा और उसकी मौत हो गई, जबकि हाइफा में एक मिसाइल गिरने से कम से कम 23 लोग घायल हो गए, जिनमें से तीन गंभीर रूप से घायल हो गए. टाइम्स ऑफ इजराइल ने इस संबंध में खबर प्रकाशित की है.
मैगन डेविड एडोम एम्बुलेंस सेवा के अनुसार, हाइफा में गंभीर रूप से घायल हुए तीन लोगों में एक 16 वर्षीय लड़का भी शामिल है, जिसके शरीर के ऊपरी हिस्से में छर्रे लगे हैं. इसके अलावा 54 और 40 वर्ष की आयु के दो अन्य व्यक्ति भी घायलों में शामिल हैं, जिनके शरीर के निचले हिस्से में चोटें आई हैं.
भागते समय सैडोव्स्की बेहोश हो गई
मैगन डेविड ने बताया कि अन्य 20 घायलों को हल्की चोटें आईं हैं. उन्होंने बताया कि सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया है. कारमील में मरने वाली महिला की पहचान 51 वर्षीय येलेना सैडोव्स्की के रूप में हुई है. मिसाइल सायरन के बीच बम शेल्टर की ओर भागते समय सैडोव्स्की बेहोश हो गई. घटनास्थल पर पहुंचे डॉक्टरों को उसे मृत घोषित कर दिया.
मिसाइल हमला अल-जरीना मस्जिद पर हुआ
हाइफा के मेयर योना याहव ने घटनास्थल पर मौजूद पत्रकारों को बताया कि शहर में दो रणनीतिक क्षेत्रों पर हमला किया गया, लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया. विदेश मंत्री गिदोन सा’र ने कहा कि मिसाइल हमला हाइफा के वादी निस्नास पड़ोस में अल-जरीना मस्जिद पर हुआ. सा’र ने घटनास्थल से फुटेज जारी किए और लिखा–मिसाइल हमले में मस्जिद में मौजूद मुस्लिम मौलवी घायल हो गए.” “ईरानी शासन मुस्लिम, ईसाई और यहूदी नागरिकों के साथ-साथ नागरिक स्थलों को भी निशाना बना रहा है. ये युद्ध अपराध हैं.”
شنّ النّظام الإيراني هجومًا صاروخيًّا على حيفا، أصاب مسجد الجرينة في حي وادي النّسناس. وأدّى الهجوم الصّاروخي إلى إصابة رجال دين مسلمين كانوا داخل المسجد.
— גדעון סער جدعون ساعر (@Gideonsaar2) June 20, 2025
يستهدف النظام الإيراني المدنيّين المسلمين والمسيحيّين واليهود، بالإضافة إلى المواقع المدنيّة.
هذه جرائم حرب. pic.twitter.com/A7tlvui6v6
हमले में लगभग 25 मिसाइलें शामिल
इजराइल रक्षा बलों (IDF) ने अनुमान लगाया कि हमले में लगभग 25 मिसाइलें शामिल थीं. मिसाइल के कारण अल जरीना ग्रैंड मस्जिद की खिड़कियों के रंगीन शीशे टूट गए और वहां बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा, इसका निर्माण 1775 में हुआ था, जिसका 1901 में विस्तार किया गया था.