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SCO Summit: भारत आएंगे पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री! गंभीरता के साथ विचार कर रही शहबाज सरकार

SCO Summit: पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक, संभावना बन रही है कि पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री भारत जा सकते हैं.

SCO Summit: कश्‍मीर मुद्दे को लेकर जिद पर अड़े पाकिस्‍तान की अकड़ अब ढीली पड़ती जा रही है. पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक, संभावना बन रही है कि पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री भारत जा सकते हैं. बताया जा रहा है कि एससीओ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की 29 मार्च को होने वाली बैठक में पाकिस्तान की भागीदारी वर्चुअल तरीके से होने की सबसे अधिक संभावना है. वहीं, पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने लोकसभा को बताया कि चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने अभी तक 4-5 मई को होने वाली बैठक में भाग लेने की पुष्टि नहीं की है.

पाकिस्तान ने लिया ये फैसला

वहीं, पाकिस्तान ने सैद्धांतिक रूप से भारत द्वारा आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की तीन प्रमुख आगामी बैठकों में भाग लेने का फैसला किया है. हालांकि, इस मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि भागीदारी के स्तर और तरीके को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है. भारत 29 मार्च को नई दिल्ली में एससीओ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) और शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों की बैठक, 27-29 अप्रैल के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में रक्षा मंत्रियों और 4-5 मई के दौरान गोवा में विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित करने के लिए तैयार है. वहीं, जुलाई में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में इन बैठकों का समापन होगा. 2017 में समूह में शामिल होने के बाद पहली बार भारत इस कार्यक्रम की मेजबानी करेगा.

भागीदारी का तरीका अभी तय नहीं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी पक्ष भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बावजूद एससीओ के महत्वपूर्ण विचार-विमर्श में अपनी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने का इच्छुक है. बताया जा रहा है कि इन सभी आगामी बैठकों में भाग लेने पर सैद्धांतिक रूप से निर्णय लिया गया है. हालांकि, भागीदारी का तरीका अभी तय किया जाना बाकी है. मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी या विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगी या नहीं, इस पर भी फैसला होना बाकी है.

पाकिस्तान में वर्तमान में एनएसए का पद खाली

एससीओ एनएसए की बैठक के मामले में पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय या राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने की उम्मीद है, क्योंकि एनएसए का पद वर्तमान में खाली है. इमरान खान जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, उस वक्त मोइद यूसुफ ने मई 2021 और अप्रैल 2022 के बीच पद संभाला था. बाद में इमरान खान को प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा. वहीं, शहबाज शरीफ सरकार ने अभी तक नया एनएसए नियुक्त नहीं किया है. इस बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति, आतंकवाद, उग्रवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों का मुकाबला करने और आतंकवादियों द्वारा ड्रोन और क्रिप्टो-मुद्रा जैसी उभरती तकनीकों के दुरुपयोग पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है.

भारत ने एससीओ के सभी सदस्य देशों को किया आमंत्रित

भारत ने आगामी बैठकों के लिए सभी एससीओ सदस्य देशों चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को पहले ही आमंत्रित कर दिया है. विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पिछले हफ्ते लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने अभी तक 4-5 मई को होने वाली बैठक में भाग लेने की पुष्टि नहीं की है. एससीओ की बैठकों में पाकिस्तान की भागीदारी का मुद्दा हाल ही में विवादों में घिर गया था, जब भारत ने कई सभाओं में देश की सीमाओं, विशेष रूप से कश्मीर के लिए गलत तरीके से दर्शाने वाले मानचित्रों के उपयोग पर आपत्ति जताई थी. इन मानचित्रों का उपयोग पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा औपचारिक प्रस्तुतियों में किया गया था. पाकिस्तान इस मुद्दे पर मतभेदों के कारण 21 मार्च को नई दिल्ली में एससीओ ढांचे के तहत सैन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के एक सम्मेलन में भाग लेने में सक्षम नहीं था.

शहबाज सरकार गंभीरता के साथ कर रही विचार

इन सबके बीच, पाकिस्‍तानी अखबार ने कहा कि शहबाज शरीफ सरकार गंभीरता के साथ भारत के न्‍योते पर विचार कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एससीओ में चीन और रूस दोनों ही शामिल हैं. ऐसे में पाकिस्‍तान को डर सता रहा है कि अगर उन्‍होंने इस अहम फोरम में हिस्‍सा नहीं लिया तो भारत इसका फायदा उठा सकता है. भारत में जून महीने में एससीओ का शिखर सम्‍मेलन होने वाला है, जिसमें शहबाज शरीफ को भी शामिल होने का न्‍योता दिया जाएगा.

पाकिस्तान की भागीदारी का स्वागत किया जाना चाहिए

पाकिस्तान और कनाडा में भारत के पूर्व दूत अजय बिसारिया ने कहा कि एससीओ की सभी बैठकों में पाकिस्तान की भागीदारी का स्वागत किया जाना चाहिए, हालांकि फोकस बहुपक्षीय मुद्दों पर होना चाहिए. उन्होंने कहा, पाकिस्तान को इन बहुपक्षीय बैठकों में आना चाहिए और द्विपक्षीय मुद्दों को दरवाजे पर छोड़कर बहुपक्षीय मुद्दों पर बात करने के मंत्र का पालन करना चाहिए. बिसारिया ने कहा, यह प्रक्रिया दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के लिए विश्वास बनाने में मदद करेगी, जहां हम बहुपक्षीय रूप से जुड़ सकते हैं.

Samir Kumar
Samir Kumar
More than 15 years of professional experience in the field of media industry after M.A. in Journalism From MCRPV Noida in 2005

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