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कोरोना से घातक हो सकती है भविष्य में आनेवाली महामारी, रिपोर्ट में हुआ चौंकानेवाला खुलासा

इस पूरे साल कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) ने दुनियाभर में खूब तबाही मचायी. पर आने वाले भविष्य में कोरोना से खतरनाक महामारी आ सकती है. जो कोविड-19 (Covid-19) की तुलना में ज्यादा घातक हो सकता है. इसके साथ ही इसे नियंत्रित करना भी काफी खर्चीला हो सकता है अगर महामारी से निपटने के लिए परिवर्तनकारी बदलाव नहीं किये गये. इसके लिए वैश्विक दृष्टिकोण में भी बदलाव लाना होगा. जैव विविधता (Bio Diversity) और पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) सेवाओं की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है.

जैव विविधता और महामारी पर वैश्विक रिपोर्ट दुनिया भर के 22 प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गयी है. यह रिपोर्ट जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं (IPBES) पर अंतरसरकारी विज्ञान-नीति प्लेटफ़ॉर्म द्वारा बुलाई गई कार्यशाला के बाद तैयार की गयी. यह रिपोर्ट प्रकृति के क्षरण और बढ़ती महामारी के बीच के संबंध पर आधारित है.

हालांकि महत्वपूर्ण जानकारी यह कि कोरोना संक्रमण को जन्म देने वाला SARS-CoV-2 वायरस एक मात्र वायरस नहीं है. इसके जैसे 540,000 से 850,000 ऐसे बेनाम वायरस प्रकृति में मौजूद है जो लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. दिलचस्प बात यह है कि यह रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा फ्रेंच गुयाना में मायरो वायरस की बीमारी के फैलने के तीन दिन बाद आई है. मायरो वायरस डेंगू के समान लक्षणों वाली बीमारी है जो फैलती है.

गौरतलब है दुनिया में 70 फीसदी वायरस माइक्रोब्स या जानवरों से होते हैं. इनमें इबोला, ज़िका, निप्पा इन्सेफेलाइटिस, और इन्फ्लूएंजा, एचआईवी / एड्स, कोविड -19 जैसी कई गंभीर बीमारियां शामिल है. आईपीबीईएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि वन्यजीव, पशुधन और लोगों के बीच संपर्क के कारण ये माइक्रोब्स फैल जाते हैं.

कार्यशाला में, विशेषज्ञों ने सहमति व्यक्त की कि महामारी के युग से बचना संभव है, लेकिन इसके लिए दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा. बता दे कि कोविड-19 वर्ष 1918 में आये ग्रेट इन्फ्लुएंजा महामारी के बाद से कम से कम छठा वैश्विक महामारी है, और हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी उत्पत्ति जानवरों द्वारा किए गए रोगाणुओं में हुई है, सभी महामारियों की तरह इसकी उत्पति भी पूरी तरह से मानव गतिविधियों से प्रेरित है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में अनुमानित 1.7 मिलियन स्तनधारियों और पक्षियों में वायरस मौजूद हैं, जिनमें से 850,000 लोगों को संक्रमित करने की क्षमता हो सकती है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक इकोस्ली एलायंस के अध्यक्ष डॉ पीटर दासज़क और अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस में कोई बड़ा रहस्य नहीं है. यह भी आधुनिक महामारी की तरह है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जैव विविधता को नुकसान करने वाली मानव गतिविधियों को कम करके और संरक्षित क्षेत्रों के अधिक संरक्षण के साथ साथ उच्च जैव विविधता वाले क्षेत्रों के निरंतर दोहन को कम करने वाले उपायों के माध्यम से महामारी के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है. यह वन्यजीव-पशुधन-मानव संपर्क को कम करेगा और नई बीमारियों के फैलाव को रोकने में मदद करेगा.

Posted By: Pawan Singh

Prabhat Khabar Digital Desk
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