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चंद्रयान-3 की सफलता ने उड़ायी पाकिस्तान की नींद, अब चांद पर भेज रहा है एक पेलोड

भारत के चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास रच दिया. भारत से पहले किसी भी देश ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपने यान को लैंडिंग नहीं करा पाया था. वहीं, अब खबर है कि पाकिस्तान भी चांद पर अपना पेलोड भेज रहा है.

भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से जहां दुनिया में भारत का कद बढ़ गया है. वहीं पड़ोसी देश कंगाल पाकिस्तान का सिर शर्म से झुक रहा है. अब इस शर्म को दूर करने के लिए पाकिस्तान अपना एक पेलोड चांद पर भेजने की तैयारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान एक छोटा उपग्रह क्यूबसैट को चांद पर भेजेगा. हालांकि कंगाली के दौर से गुजर रहा पाकिस्तान का दोस्त चीन अपने अगले चंद्र अभियान में पाकिस्तान का भी एक पेलोड ले जाएगा.

पाकिस्तान का एक पेलोड ले जाएगा चीन का यान

दरअसल, चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि देश का अगले साल प्रस्तावित चंद्र अभियान पाकिस्तान का भी एक पेलोड लेकर जाएगा. इसे दोनों मित्र देशों के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तौर पर भी देखा जा रहा है. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीन नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) के हवाले से कहा है कि चांग ई-6 चंद्र अभियान वर्तमान में योजना के अनुसार अनुसंधान एवं विकास कार्य से गुजर रहा है. वहीं, द ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चांग ई-6 मिशन का प्रक्षेपण 2024 में प्रस्तावित है और इस अभियान का मकसद चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने लाना है.

रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रमा से नमूने एकत्र करने के लिए अब तक वैज्ञानिकों की ओर से किए गए सभी 10 अभियान चंद्रमा के नजदीकी हिस्से पर केंद्रित रहे हैं. सीएनएसए के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि सुदूर हिस्से में ऐटकेन बेसिन शामिल है, जो तीन प्रमुख चंद्र भू-आकृतियों में से एक है और वैज्ञानिक नजरिए से यह काफी महत्वपूर्ण है. सीएनएसए ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के मद्देनजर चांग ई-6 मिशन विभिन्न देशों से पेलोड और उपग्रह परियोजनाओं को ले जाएगा, जिसमें फ्रांस का डोर्न रेडॉन डिटेक्शन उपकरण, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का नेगेटिव आयन डिटेक्टर, इटली का लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर और पाकिस्तान का छोटा उपग्रह क्यूबसैट शामिल है.

भारत के चंद्रयान-3 ने रचा है इतिहास
गौरतलब है कि भारत के चंद्रयान-3 ने  23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास रच दिया. भारत से पहले किसी भी देश ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपने यान को लैंडिंग नहीं करा पाया था. ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है. वहीं, चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद पर जब पहला कदम रखा तो पूरी दुनिया की निगाहे भारत पर टिकी थी. ISRO ने चंद्रयान को श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से 14 जुलाई को लॉन्च किया था. अमेरिका, रूस समेत दुनिया के तमाम देश भारत का लोहा मान रहे हैं.

भाषा इनपुट से साभार

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Pritish Sahay
Pritish Sahay
12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में सेवाएं दे रहा हूं. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पढ़ाई की है. राजनीतिक, अंतरराष्ट्रीय विषयों के साथ-साथ विज्ञान और ब्रह्मांड विषयों पर रुचि है. बीते छह वर्षों से प्रभात खबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने के बाद डिजिटल जर्नलिज्म का अनुभव काफी अच्छा रहा है.

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