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कारों में Automatic or Manual Gearbox में से बेहतर कौन?

Automatic or Manual Gearbox: कारों में आजकल दो प्रकार के ट्रांसमिशन दिए जाते हैं. इनमें से एक मैनुअल और दूसरा ऑटोमैटिक है. ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में गियर बदलने का झंझट नहीं रहता है. वहीं मैनुअल में गियर खुद ही बदलना पड़ता है.

Automatic or Manual Gearbox: कार चालकों के बीच अक्सर मैनुअल और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स चर्चा का विषय बना रहता है. नई कार खरीदने के समय अक्सरहां लोगों में ऊहापोह वाली स्थिति बनी रहती है कि ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली बेहतर होगी या फिर मैनुअल ट्रांसमिशन वाली. ट्रांमिशन का ताल्लुक गियरबॉक्स से होता है. ऑटोमैटिक ट्रांमिशन वाली कारों में गियर बदलने का झंझट नहीं रहता है और मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों में चालक को जरूरत और स्पीड के हिसाब से गियर बदलना पड़ता है. कारों में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन महानगरों में ट्रैफिक की स्थिति के मद्देनजर दिया जाता है. हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि महानगरों के लिए मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारें सही नहीं हैं. ये भी बेहतरीन होती हैं. आइए, जानते हैं कि ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाली कारें अधिक सुरक्षित होती हैं या फिर मैनुअल गियरबॉक्स वाली.

मैनुअल गियरबॉक्स का फंडा

मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों में गियर लीवर दिया जाता है, जिसके नॉब पर ट्रांसमिशन अथवा गियर का पोजिशन बदलने के लिए 1,2,3 और 4 नंबर का संकेतक दिया जाता है. गियर बदलने के लिए कार चलाने वाले को क्लच दबाकर गाड़ी की स्पीड के हिसाब से गियर बदलना पड़ता है. यह सबसे पुराना सिस्टम है और इसे प्राय: गाड़ी चलाने वाले हर चालक प्रयोग करते हैं. मैनुअल ट्रांसमिशन में कार का गियर पूरी तरह चालक के नियंत्रण में रहता है.

कैसे काम करता है मैनुअल गियरबॉक्स

मैनुअल ट्रांसमिशन में चालक जब गियर बदलने के लिए चालक क्लच दबाता है, तो इंजन और ट्रांसमिशन एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं. ऐसा करने पर इंजन से गियर बॉक्स तक स्पीड का ट्रांसमिशन रुक जाता है और तभी चालक झट से गियर बदल लेता है. इसके अलावा, गियर बदलने के लिए चालक शिफ्ट लीवर को स्पीड के हिसाब से नंबर 1, 2 या जरूरत के अनुसार चेंज करता है. शिफ्ट लीवर की स्थिति गियर रेशियो को निर्धारित करती है, जो गाड़ी की स्पीड को कंट्रोल करता है. गियर बदलने के बाद चालक क्लच पैडल को धीरे से छोड़ता है. ऐसा करने के बाद इंजन और गियरबॉक्स दोबारा आपस में कनेक्ट हो जाते हैं और तब गाड़ी की स्पीड बढ़ती या घटती है.

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ऑटोमैटिक गियरबॉक्स क्या है

कारों में दिया जाने वाला गियरबॉक्स एक प्रकार का ट्रांसमिशन होता है. यह कई प्रकार का होता है. इसमें ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रांसमिशन (एएमटी), ड्यूअल क्लच ट्रांसमिशन (डीसीटी), कंटिन्यूअस वेरिएबल ट्रांसमिशन (सीवीटी) और डायरेक्ट शिफ्ट गियरबॉक्स (डीएसजी) शामिल है. ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में गियर बदलना आसान होता है. इसमें गियर बदलने का काम गाड़ी के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से किया जाता है. ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में एक या अधिक गियर रेंज और कंट्रोल विकल्प होते हैं, जो विभिन्न स्पीड में गाड़ी चलाने में मदद करते हैं.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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