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Foggy weather Alert: घने कोहरे में संभलकर चलाएं गाड़ी, वर्ना…

जब आप कोहरे में गाड़ी चलाने जा रहे हों, तो उससे पहले सभी लाइटों को दुरुस्त करा लें. खासकर, आपकी गाड़ी की ब्रेक लाइट को ठीक होना बेहद जरूरी है. कोहरे में गाड़ी चलाते समय लाइटों का रोल अधिक रहता है.

Car Driving Tips: भारत में इस समय कोहरे का कहर जारी है. सर्दी के मौसम में घने कोहरे के बीच गाड़ी चलाना कठिन हो जाता है. घने कोहरे में विजिबिलिटी कम होने से ड्राइविंग करना काफी खतरनाक हो जाता है. ऐसी स्थिति में गाड़ी चलाते वक्त काफी सतर्क और ध्यान देने की जरूरत पड़ती है. कभी-कभार तो लंबे कोहरे में विजिबिलिटी कम होने के चलते हालत इतनी अधिक खराब हो जाती है कि गाड़ी चलाने वाले लोगों को एक मीटर की दूरी पर भी स्पष्ट दिखाई नहीं देती. इसका मतलब यह है कि सर्दी के मौसम में घने कोहरे के बीच अपनी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए ड्राइविंग के समय एहतियात बरतने की खास जरूरत है. आइए, फॉगी वेदर में गाड़ी चलाते वक्त किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.

गाड़ी की लाइटों को रखें दुरुस्त

जब आप कोहरे में गाड़ी चलाने जा रहे हों, तो उससे पहले सभी लाइटों को दुरुस्त करा लें. खासकर, आपकी गाड़ी की ब्रेक लाइट को ठीक होना बेहद जरूरी है. कोहरे में गाड़ी चलाते समय लाइटों का रोल अधिक रहता है. ब्रेक लाइटें महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे आपके पीछे कार में बैठे ड्राइवर को रुकने का संकेत देती है. लाइटें न केवल आपके पीछे गाड़ी चलाने वाले लोगों को सावधान करती है, बल्कि सड़क पर आपकी उपस्थिति को भी बताती है. इसके साथ ही, ये लाइटें इस बात की ओर से भी इशारा करती हैं कि आपको किस दिशा में मुड़ना है. इसलिए, आपकी गाड़ी की लाइटें पूरी तरह वर्किंग हों.

फॉग लैंप का करें इस्तेमाल

यदि आपकी कार में आगे और पीछे फॉग लैंप लगे हैं, तो कोहरे में गाड़ी चलाते समय उनका इस्तेमाल करना न भूलें. इन्हें कोहरे वाले दिन में इस्तेमाल के लिए ही प्रदान किया गया है. जहां सामने वाला फॉग लैंप आपको सड़क देखने में मदद करेगा, वहीं पीछे वाला यह सुनिश्चित करता है कि सड़क गाड़ी चलाने वाले दूसरे लोगों को पता चले कि आप सड़क पर हैं.

लो बीम लाइट में चलाएं गाड़ी

इसके साथ ही, घने कोहरे में गाड़ी चलाते वक्त अपनी कार के मेन हेडलैंप बीम को हाई पर न रखें. हाई बीम में हेडलैंप के साथ गाड़ी चलाने से कोहरे में बीम बिखर जाएगी और ड्राइवर के सामने एक सफेद दीवार बन जाएगी. इससे विजिबिलिबटी काफी कम होती है. इसके बजाय, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप हर समय टरमैक पर रहें, सड़क के किनारे को चुनने के लिए कार के हेडलैंप की लो बीम का इस्तेमाल करें. इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि कोई सफेद दीवार का प्रभाव नहीं पड़ेगा और आप अपेक्षाकृत बेहतर देख पाएंगे.

ड्राइवर साइड की विंडो को हल्की खुली रखें

इसके अलावा, कोहरे में ड्राइविंग के दौरान आप ड्राइवर साइड वाली विंडो को हल्का खुला रखें. इसका कारण यह है कि फॉगी वेदर में गाड़ी चलाते वक्त न केवल विजिबिलिटी कम हो जाती है, बल्कि दूसरी गाड़ियों की आवाज भी कम सुनाई नहीं देती है. ऐसी स्थिति में दूसरी गाड़ियों या फिर बाहर की आवाज को सुनने के लिए विंडो को हल्का खुला रखना बेहद जरूरी है. ड्राइवर साइड की खिड़की को थोड़ा सा खुला छोड़ने से आपको कोहरे के बीच सामने आने वाली बाधा को देखने से पहले कोई श्रवण चेतावनी संकेत सुनने को मिलेगा.

दूरी बनाए रखें

घने कोहरे या धुंध में आगे की कार से अपनी सामान्य दूरी दोगुनी करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि विजिबिलिटी कम होने से आपकी देखने सीमा सीमित हो जाती है. यदि आगे वाली कार रुकती है, तो इससे बचने के लिए अधिक समय मिलेगा. याद रखें कि कोहरा देखने की दूरी को बढ़ाता है. इसलिए आप वास्तव में अपनी सोच से अधिक आगे वाली कार के करीब हो सकते हैं. अपनी ड्राइविंग स्पीड पर नजर रखें. कोहरा सड़क के किनारे सड़क संकेतकों को भी ढंक लेता है और गाड़ी की लाइट को उन तक पहुंचने नहीं देता है. ऐसी स्थिति में भ्रम पैदा हो जाता है. भले ही आप यह सोचते हों कि आप धीमी गति से गाड़ी चला रहे हैं, लेकिन हो सकता है कि आप वास्तव में तेज़ गति से गाड़ी चला रहे हों और आप रास्ता भटककर कहीं और चले जाएं. इसलिए कोहरे में गाड़ी चलाते वक्त स्पीड को नियंत्रित रखने बेहद जरूरी है.

किनारों पर चलाएं गाड़ी

यह जानने के लिए कि सड़क आगे कैसे मुड़ रही है, इसे जानने के लिए कोहरे में गाड़ी चलाते वक्त आप अपनी गाड़ी को बाएं या दाहिने किनारे पर रखें. कभी-कभी जब विजिबिलिटी इतनी कम हो सकती है कि आप कार के बोनट से केवल कुछ मीटर आगे तक ही देख सकते हैं.

सिग्नल से पहले ही ब्रेक लगाएं

अपने इरादों का संकेत देने के लिए पहले से ही अपने संकेतकों का इस्तेमाल करें. कोहरे की स्थिति में गाड़ी चलाते समय ज्यादातर लोग टेललैंप का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा, यह सुनिश्चित करें कि आप देर से ब्रेक नहीं लगा रहे हैं. कोहरे में अधिकांश ड्राइवरों को ब्रेकिंग दूरी और पॉइंट का आकलन करना मुश्किल लगता है. इसलिए जल्दी और धीरे-धीरे ब्रेक लगाने से सड़क पर चलने वाले दूसरे लोगों को भी ऐसा करने के लिए पर्याप्त सूचना मिल जाएगी.

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वाइपर को रखें एक्टिव

चूंकि पूरे सर्दियों के महीनों में विजिबिलिटी वैसे भी कम हो जाती है. इसलिए सलाह दी जाती है कि यदि आपकी गाड़ी के वाइपर पुराने या खराब हो गए हैं, तो नए वाइपर लगा लें, ताकि गाड़ी चलाते समय आपको देखने में कोई दिक्कत न हो. यदि वाइपर खराब लगते हैं, तो यात्रा के बीच में कार रोकें और अपनी विंडस्क्रीन को साफ करने और विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए पुराने अखबारों और थोड़े से पानी का इस्तेमाल करें.

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डैंजर इंडिकेटर लैंप का कम करें इस्तेमाल

कार में डैंजर इंडिकेटर लैंप सड़क के किनारे खड़े वाहन के बारे में लोगों को सचेत करते हैं. बहुत से लोग कोहरे में डैंजर इंडिकेटर लैंप को ऑन करके गाड़ी चलाते हैं. इससे अनावश्यक भ्रम पैदा हो जाता है. इससे पीछे के ड्राइवरों को यह स्पष्ट संकेत नहीं मिलेगा कि कार बाएं या दाएं मुड़ने वाली है. हमेशा डैंजर इंडिकेटर लैंप का इस्तेमाल तभी करें, जब आपको पार्क करने की जरूरत हो. गाड़ी को सड़क से दूर पार्क करें, डैंजर इंडिकेटर लैंप को ऑन करें और फिर गाड़ी से दूर हट जाएं. इसके साथ ही, कोशिश यह करें कि कोहरे वाले स्थान पर गाड़ी खड़ी न करें.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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