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PM Modi के काफिले से 3 बख्तरबंद गाड़ियां आउट, जानें क्या है वजह?

PM Modi का सुरक्षा बेड़ा एक अभेद्य किले की तरह है. पीएम मोदी की सुरक्षा में तैनात एसपीजी के कमांडो विशेष हथियार और उपकरणों से लैस होते हैं. पीएम के काफिले में शामिल बख्तरबंद वाहन हर स्थिति का डट कर मुकाबला कर सकते हैं, अब इन्हीं बख्तरबंद विशेष वाहनों को NGT ने पीएम के काफिले से बाहर निकाल दिया है.

PM Modi के सुरक्षा बेड़े में शामिल विशेष बख्तरबंद गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को बढ़ाने अनुरोध को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने खारिज कर दिया है ये तीनों बख्तरबंद गाड़ियां डीजल से चलती हैं और 2014 से पीएम की सुरक्षा सेवा में लगी हैं, 10 साल बीतने के बाद NGT (National Green Tribunal) ने रजिस्ट्रेशन री-न्यू करने से मना कर दिया. प्रधानमंत्री की सुरक्षा के प्रभारी विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) ने एनजीटी से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था क्योंकि ये बख्तरबंद वाहन आमतौर पर उपलब्ध नहीं होते हैं. इन बख्तरबंद गाड़ियों को फ्रांसीसी कार निर्माता रेनॉल्ट द्वारा बनाया गया था.

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बीएस-III प्रमाणन के कारण याचिका को मंजूरी नहीं दी गई

इन बख्तरबंद गाड़ियों को अक्सर पीएम मोदी की काफिले के साथ देखा जाता है. एनजीटी ने इन तीन विशेष बख्तरबंद वाहनों के जीवन को बढ़ाने के लिए एसपीजी की याचिका पर अपना आदेश जारी किया, आदेश में कहा गया है कि बीएस-III प्रमाणन के कारण याचिका को मंजूरी नहीं दी जा सकती है, जो एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा 10 साल पुरानी सभी डीजल कारों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने के पहले के आदेशों का पालन करने में विफल है.

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SPG ने NGT से किया था आग्रह

इन विशेष वाहनों के लिए SPG ने NGT से आग्रह किया था कि ये ‘स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप टेक्नोलॉजी लॉजिस्टिक्स का आवश्यक और अभिन्न अंग हैं.’ और सुरक्षा प्राप्त लोगों को परिचालन और निकटतम सुरक्षा प्रदान करने वाली टीमों के लिए सामरिक और बैक अप सपोर्ट वाहनों जैसी रसद सहायता तैनात की जाती है.’ एसपीजी ने यह भी कहा कि इनमें से कोई भी वाहन पिछले नौ वर्षों में 15,000 किलोमीटर से अधिक नहीं चला है. रेनॉल्ट एमडी-5 कहे जाने वाले तीनों वाहनों का निर्माण 2013 में किया गया था और 24 दिसंबर 2014 को दिल्ली में पंजीकृत किया गया था.

रेनॉल्ट बख्तरबंद विशेष वाहन की खासियत

एनजीटी ने एसपीजी के अनुरोध का जवाब देते हुए कहा, “उक्त वाहन बीएस-आईएल डीजल वाहन हैं, इसलिए उनके पंजीकरण या उनके पंजीकरण के विस्तार के संबंध में कोई छूट नहीं दी जा सकती है.” रेनॉल्ट बख्तरबंद विशेष वाहन 4.76 लीटर, 4-सिलेंडर टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन द्वारा संचालित होते हैं. यह 215bhp की पावर और 800 Nm का पीक टॉर्क पैदा करने में सक्षम है. 11 टन वजन के बावजूद यह गाड़ी 110 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड देने में सक्षम है. यह वाहन ऑफ-रोड जाने, दो टन से अधिक का पेलोड ले जाने और 10 लोगों को ले जाने में सक्षम है.

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Abhishek Anand
Abhishek Anand
'हम वो जमात हैं जो खंजर नहीं, कलम से वार करते हैं'....टीवी और वेब जर्नलिज्म में अच्छी पकड़ के साथ 10 साल से ज्यादा का अनुभव. झारखंड की राजनीतिक और क्षेत्रीय रिपोर्टिंग के साथ-साथ विभिन्न विषयों और क्षेत्रों में रिपोर्टिंग. राजनीतिक और क्षेत्रीय पत्रकारिता का शौक.

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