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Road Accident से नहीं डरते टेस्ला कार चलाने वाले ड्राइवर, जानिए क्या कहती स्टडी रिपोर्ट

लेंडिंग ट्री के अध्ययन में 30 कंपनियों के कार ड्राइवरों पर विश्लेषण तैयार किया गया है. इस विश्लेषण में कहा गया है कि अमेरिका में टेस्ला के ड्राइवरों का एक्सीडेंटल रेट काफी अधिक है.

नई दिल्ली: सड़क हादसे देश-दुनिया के लिए चिंता के विषय बन गए हैं. भारत में सड़क हादसों में मरने वाले लोगों के सरकारी आंकड़ों पर सवाल उठाए जा रहे हैं, तो अमेरिका में सड़क हादसों के पीछे टेस्ला के ड्राइवरों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. एक अध्ययन में यह पाया गया है कि अमेरिका में टेस्ला की कार चलाने वाले लोग सड़क हादसों की परवाह नहीं करते. अध्ययन में यह भी पाया गया है कि अमेरिका में पिछले साल किसी दूसरी कंपनी के ड्राइवरों के मुकाबले टेस्ला के ड्राइवर होने वाले सड़क हादसों में सबसे अधिक शामिल रहे.

टेस्ला के ड्राइवरों का एक्सीडेंट रेट सबसे अधिक

लेंडिंग ट्री के अध्ययन के आधार पर हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 नवंबर 2022 से 13 नवंबर 2023 के बीच टेस्ला ड्राइवरों के प्रति 1,000 ड्राइवरों पर 23.54 फीसदी सड़क हादसों में शामिल रहे. टेस्ला ड्राइवरों के बाद प्रति 1,000 ड्राइवरों पर राम (22.76 फीसदी) और सुबारू (20.90 फीसदी) थे. इस बीच, पोंटियाक (8.41), मरकरी (8.96) और सैटर्न (9.13) के ड्राइवर सबसे कम दुर्घटनाओं में शामिल रहे. लेंडिंग ट्री के अध्ययन में 30 कंपनियों के कार ड्राइवरों पर विश्लेषण तैयार किया गया है. इस विश्लेषण में कहा गया है कि अमेरिका में टेस्ला के ड्राइवरों का एक्सीडेंट रेट काफी अधिक है.

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किआ समेत इन कंपनियों के ड्राइवरों की डीयूआई कम

शोधकर्ताओं ने पाया कि बीएमडब्ल्यू के ड्राइवरों में ड्राइविंग अंडर इन्फ्लुएंस (डीयूआई) की सबसे अधिक संभावना थी. वे एक वर्ष में प्रति 1,000 ड्राइवरों पर लगभग 3 डीयूआई में शामिल थे, जो कि राम के ड्राइवरों के बीच डीयूआई की दर से लगभग दोगुना था. वे इस मामले में दूसरे सबसे खराब ड्राइवर थे. नौ कार ब्रांडों में 1.00 से कम डीयूआई दर वाले ड्राइवर थे. इनमें मित्सुबुशि (0.89), वोल्वो (0.92), मरकरी (0.93) और किआ (0.93) के ड्राइवरों की विश्लेषण अवधि के लिए सबसे कम डीयूआई दरें थीं.

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टेस्ला के ड्राइवरों की दुर्घटना दर का पता लगाना कठिन

लेंडिंग ट्री ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हालांकि यह पता लगाना कठिन है कि कुछ ब्रांडों में दूसरी कंपनियों के मुकाबले दुर्घटना दर अधिक क्यों रहती है. हालांकि, ऐसे संकेत हैं कि कुछ प्रकार के वाहन दूसरों की तुलना में जोखिम भरे ड्राइवरों को आकर्षित करते हैं. लेंडिंग ट्री के बीमा विशेषज्ञ और एक लाइसेंस प्राप्त बीमा एजेंट रॉब भट्ट कहते हैं कि ज्यादातर लोग जो मिनी वैन चलाते हैं, वे हाई-हॉर्सपावर वाली कारों में घूमने की तुलना में अपने बच्चों को शहर में सुरक्षित रूप से घुमाने में अधिक दिलचस्पी दिखाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि आप चाहे कोई भी वाहन चलाएं, उसे चलाने के लिए जिम्मेदार होना महत्वपूर्ण है. यदि आप दुर्घटना के आंकड़ों पर नजर डालें, तो आप देखेंगे कि तेज गति, दुर्बलता और विचलित ड्राइविंग कार दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक हैं. ये सभी वे आदतें हैं, जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं.

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टेस्ला ने 20 लाख कारों को मंगाया वापस

बताते चलें कि इस महीने की शुरुआत में एलोन मस्क की टेस्ला ने घोषणा की थी कि वह राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (एनएचटीएसए) द्वारा चिह्नित सुरक्षा चिंताओं के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में बेचे गए 2 मिलियन (20 लाख) से अधिक मॉडलों को वापस बुला रही है. यह रिकॉल टेस्ला वाहन दुर्घटनाओं की एक सीरीज में एनएचटीएसए के नेतृत्व में 2 साल की जांच के बाद हुआ है. इनमें से कुछ घातक थे. यह तब भी हुआ, जब ऑटोपायलट आंशिक रूप से स्वचालित ड्राइविंग सिस्टम उपयोग में था.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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