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चंद्रमा पर कार चलाएगी टोयोटा, बेबी लूनर क्रूजर के कॉन्सेप्ट से उठा पर्दा

टोयोटा बेबी लूनर क्रूजर को उत्तरी अमेरिका स्थित डिजाइन तैयार करने वाली फर्म कैल्टी डिजाइन रिसर्च की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रदर्शित किया था. इसका डिजाइन काफी हद तक एफजे40 लैंड क्रूजर के डिजाइन से मेल खाता है.

नई दिल्ली : जापान की वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा काफी समय से पृथ्वी की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी बनी हुई है. यह कंपनी पृथ्वी पर कार बनाने और बेचने के अब चंद्रमा पर कार चलाएगी. जापानी ऑटोमेकर ने बेबी लूनर क्रूजर नाम से एक छोटे कॉन्सेप्ट लूनर रोवर से पर्दा उठाया है, जिसे किसी भी प्रकार के क्षेत्र में काम करने की क्षमता के आधार पर बनाया गया है. बताया यह भी जा रहा है कि जापानी दिग्गज ऑटोमेकर 2040 तब चंद्रमा और मंगल ग्रह पर इसे भेजने की तैयारी में जुटा है. इसे इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह गाड़ी किसी भी दुर्गम स्थान पर काम करने में सक्षम होगी. इसमें कोई इंजन नहीं होगा और यह सूर्य की रोशनी से मिलने वाली ऊर्जा से चलेगी. सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें एक रोबोटिक हाथ भी लगा होगा, जो इसकी साफ-सफाई करने के साथ ही इसका निरीक्षण भी करेगा.

उत्तरी अमेरिका में की गई थी प्रदर्शित

एचटी ऑटो की एक रिपोर्ट के अनुसार, टोयोटा बेबी लूनर क्रूजर को उत्तरी अमेरिका स्थित डिजाइन तैयार करने वाली फर्म कैल्टी डिजाइन रिसर्च की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रदर्शित किया था. इसका डिजाइन काफी हद तक एफजे40 लैंड क्रूजर के डिजाइन से मेल खाता है. इस वजह से बेबी लूनर क्रूजर काफी सुंदर और आकर्षक दिखाई देती है. बताया यह भी जा रहा है कि बेबी लूनर क्रूजर के डिजाइन और निर्माण के लिए टोयोटा ने जापानी एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी यानी जाक्सा के साथ साझेदारी की है.

गाड़ी में बैठकर चंद्रमा और मंगल की सतह पर आराम से बात कर सकते हैं लोग

बेबी लूनर क्रूजर के बारे में जानकारी देते हुए टोयोटा के अधिकारियों ने 2023 की जनवरी में ही जानकारी दी थी कि कंपनी की इस कार की खासियत यह है कि इसमें बैठा हुआ आदमी चंद्रमा अथवा मंगल ग्रह की सतह पर सुरक्षित तरीके से काम करने के साथ ही आपस में बातचीत भी कर सकते हैं. इतना ही नहीं, इसमें बैठा आदमी भोजन करने के साथ आराम से नींद भी ले सकता है. हालांकि, यह गाड़ी सड़कों पर दौड़ने वाली सामान्य कारों की तरह नहीं होगी. उन्होंने कहा कि इसमें एक रोबोटिक हाथ भी लगा होगा, जो अंतरिक्ष में बेबी लूनर क्रूजर का निरीक्षण करने के साथ मेंटेनेंस का भी काम करेगा.

टोयोटा ने क्यों रखा लूनर क्रूजर नाम

इसके नाम को लेकर जापानी कार निर्माता कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि कूजर चंद्रमा की सतह पर आवश्यक गुणवत्ता, आराम और विश्वसनीयता को देखते हुए इसका नाम लूनर क्रूजर रखा गया है. उनका कहना है कि कंपनी जिस समय लैंड क्रूजर का निर्माण करने जा रही थी, उस समय भी उसके नाम पर इसका प्रकार का मंथन किया गया था.

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कैसा है बेबी लूनर क्रूजर का डिजाइन

टोयोटा बेबी लूनर क्रूजर में एयरलेस टायर, इन-व्हील मोटर्स, ढेर सारे सेंसर, कैमरे और केबिन से देखने के लिए बड़े स्थान के लिए एक विशाल विंडशील्ड क्षेत्र है. इसके केबिन में ऑगमेंटेड रियलिटी, एडजस्टेबल स्पेसफ्रेम सीटें और स्टीयरिंग के लिए डुअल जॉयस्टिक के साथ एक ऑल-डिजिटल डैशबोर्ड मिलता है. मीडिया की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि बेबी लूनर क्रूजर में किसी प्रकार का कोई इंजन नहीं है. इसका कारण यह है कि दूर के ग्रह पर ईंधन स्टेशन ढूंढना एक मुद्दा होने की संभावना है. इसके बजाय बेबी लूनर क्रूजर ईंधन सेल तकनीक का उपयोग करता है. टोयोटा का दावा है कि यह 10,000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है.

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बेबी लूनर क्रूजर में नहीं है कोई इंजन

टोयोटा बेबी लूनर क्रूजर फिलहाल केवल एक कॉन्सेप्ट है और यह प्रदर्शित करने के लिए एक एक्सरसाइज भर है कि भविष्य में क्या हो सकता है. कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि बेबी लूनर क्रूजर जापानी एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएक्सए) और टोयोटा द्वारा विकसित किए जा रहे वास्तविक लूनर क्रूजर से प्रेरणा लेता है.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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