Bihariganj Vidhan Sabha Chunav 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और मधेपुरा जिले की बिहारीगंज विधानसभा सीट पर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. इस सीट का गठन 2008 के परिसीमन के बाद हुआ था और अब तक यहां तीन बार चुनाव हो चुके हैं. यादव और मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में अब तक जेडीयू का दबदबा रहा है.
पिछले विधानसभा चुनाव में यहां जेडीयू के निरंजन कुमार मेहता ने कांग्रेस की ओर से महागठबंधन की उम्मीदवार सुभाषिनी यादव को हराया था. जेडीयू विधायक और उम्मीदवार निरंजन कुमार मेहता ने उन्हें करीब 19 हजार वोटों से हराया. सुभाषिनी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की बेटी हैं. यह मुकाबला बेहद टाइट और दिलचस्प रहा था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यहां सियासी संघर्ष तीखा होता जा रहा है.
बिहारीगंज सीट पर जेडीयू और राजद में बगावत
बिहारीगंज विधानसभा सीट पर जेडीयू को एक झटका तब लगा जब उसके तीन बड़े नेताओं ने राजद का दामन थाम लिया. इन नेताओं का नेतृत्व बिहारीगंज से पूर्व राजद प्रत्याशी इं. प्रभाष कुमार ने किया. इससे जेडीयू के वोट बैंक में सेंध लगने की आशंका है.
इधर, सियासी पटल पर एक और नया नाम सामने आया है — राजद नेत्री प्रियंका मेहता, जो 2007 से सक्रिय राजनीति में हैं और लंबे समय से राजद से जुड़ी हुई हैं. प्रियंका मेहता ने एलान किया है कि वह 2025 में बिहारीगंज सीट से चुनाव लड़ेंगी. अगर पार्टी टिकट देती है तो राजद से लड़ेंगी, अन्यथा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगी. उनका कहना है कि समर्पण का लाभ किसी और को देना नाइंसाफी होगी.
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बिहारीगंज में अबकी बार मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है, जिससे चुनाव और रोचक हो जाएगा. इस सीट पर यादव और मुस्लिम आबादी सबसे अहम भूमिका में हैं. हालांकि राजपूत, ब्राह्मण, कोइरी, कुर्मी, रविदास, पासवान वोटरों की संख्या भी निर्णायक है