Dinara Vidhan Sabha : दिनारा विधानसभा क्षेत्र की ज्यादातर आबादी ग्रामीण है. इसमें यादव, कुर्मी, दलित और सवर्ण जातियों के ज्यादा लोग हैं. अधिकांश परिवार खेती पर आश्रित हैं, क्योंकि इलाके में उद्योग-धंधों का अभाव है. सीमित खनन और स्टोन क्रशिंग को छोड़कर अन्य रोजगार विकल्प न के बराबर हैं. यही कारण है कि हर साल बड़ी संख्या में युवा मौसमी पलायन कर पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं.
युवाओं के लिए कैसा है क्षेत्र
विकास के लिहाज से दिनारा बेहद पिछड़ा क्षेत्र है. गांवों तक बिजली नहीं पहुंची है और सड़कें जर्जर हालत में हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सेवाओं की स्थिति दयनीय है. पूरे प्रखंड के लिए केवल एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध है, जबकि हाई एजुकेशन के लिए छात्रों को दूर सासाराम या पटना जाना पड़ता है.
समीकरण
2011 की जनगणना के अनुसार, दिनारा की कुल जनसंख्या 2.25 लाख थी और जनसंख्या घनत्व 724 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था. यहां 33227 परिवार बसे हुए हैं. साक्षरता दर मात्र 58.70% है, जो राज्य और राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. इसमें भी पुरुष साक्षरता 67.10% और महिला साक्षरता केवल 49.62% रही.
इतिहास
राजनीतिक दृष्टि से दिनारा एक दिलचस्प विधानसभा क्षेत्र है. इसकी स्थापना 1951 में हुई थी. अब तक हुए 17 चुनावों में यहां कांग्रेस को 5 बार, जदयू को 4 बार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को मिलाकर 3 बार, जनता दल को 2 बार, तथा जनता पार्टी, बीएसपी और राजद को एक-एक बार जीत मिली है.
2020 के चुनाव में राजद के विजय कुमार मंडल ने 8228 वोटों से जीत हासिल की. एलजेपी द्वारा अलग से प्रत्याशी उतारने के चलते, एनडीए को नुकसान हुआ और तत्कालीन मंत्री जय कुमार सिंह तीसरे स्थान पर खिसक गए. यह सीट उन 25 सीटों में शामिल थी, जहां लोजपा ने जदयू को बड़ा झटका दिया.
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एनडीए के पास सीट बचाने का मौका
2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दिनारा में 4671 वोटों की बढ़त बनाई थी. जातीय समीकरण की बात करें तो दिनारा में करीब 45% ओबीसी मतदाता हैं. यादव समुदाय राजद की ओर झुकता है, जबकि कुर्मी और कोइरी समुदाय परंपरागत रूप से भाजपा या जदयू का समर्थन करते हैं. भूमिहारों सहित सवर्ण मतदाता लगभग 25% हैं. 20% दलित मतदाता हैं, जिनमें रविदास समुदाय जदयू और पासवान समुदाय एलजेपी और भाजपा के साथ नजर आता है. मुस्लिम मतदाता लगभग 6.8% हैं, जो चुनावों में निर्णायक हो सकते हैं.