Parbatta Vidhan Sabha: बिहार के खगड़िया जिले का परबत्ता प्रखंड न सिर्फ सिर्फ ऐतिहासिक दृष्टि से अहम है, बल्कि राजनीति की दृष्टि से भी काफी चर्चित रहा है. गंगा नदी से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित यह क्षेत्र प्राचीन काल में व्यापार मार्ग का हिस्सा रहा है. उपजाऊ मिट्टी और कृषियों ने परबत्ता को ग्रामीण बिहार का मजबूत चेहरा बनाया है.
मतदाताओं की जानकारी
विधानसभा की बात करें तो 1951 में बनी यह सामान्य सीट 2008 के परिसीमन के बाद परबत्ता प्रखंड के साथ-साथ गोगरी-जमालपुर नगर क्षेत्र और 14 पंचायतों को समेटे हुए है.
यहां 2020 में कुल 3,08,043 मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 3,22,082 हो गए. इनमें मुस्लिम मतदाता 11.8% और अनुसूचित जाति के 6.96% हैं, जबकि शहरी मतदाता महज 8.47% हैं.
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राजनीतिक इतिहास
राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो परबत्ता से अब तक 19 बार विधायक चुने जा चुके हैं. कांग्रेस ने सात बार यह सीट जीती, लेकिन 1985 के बाद से वह यहां से गायब है. जदयू ने पांच बार,और राजद ने दो बार जीत दर्ज की है. समाजवादी पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और एक निर्दलीय भी एक-एक बार जीत चुके हैं.
हाल के वर्षों में यह सीट नीतीश कुमार और लालू यादव के राजनीतिक जंग का केंद्र बन गई है. 2020 का चुनाव टक्कर का रहा, जब लोजपा (रा) के हस्तक्षेप से मुकाबला तीन गुटों का हो गया और जदयू महज 951 वोटों से जीत सका. 2024 के लोकसभा चुनावों में लोजपा (रा) को जदयू के साथ सीट बंटवारे का फायदा मिला और इस विधानसभा क्षेत्र में लोजपा प्रत्याशी ने 33 हजार से ज्यादा वोटों की बढ़त बनाई.
अब 2025 के विधानसभा चुनाव में राजद कोई बड़ा उलटफेर नहीं कर पाया, तो जदयू के लिए सीट बचाना ज्यादा मुश्किल नहीं दिख रहा है.