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Pipra Vidhan Sabha: क्या श्याम बाबू प्रसाद यादव लगा पाएंगे पिपरा में जीत की हैट्रिक ? BJP का मजबूत गढ़ है यह सीट

Pipra Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक प्रमुख सीट पिपरा विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले में स्थित है. यह क्षेत्र पूर्वी चंपारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. पिपरा सीट का गठन वर्ष 1977 में हुआ था और तभी से यह बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है. हालांकि, परिसीमन के कारण इसकी भौगोलिक सीमाएं समय-समय पर बदलती रही हैं.

Pipra Vidhan Sabha Chunav 2025: पिपरा विधानसभा सीट पर पहला विधानसभा चुनाव 1977 में हुआ इसमें सीपीआई के तुलसी राम ने जनता पार्टी के ब्रह्मदेव राम शास्त्री को हराकर जीत हासिल की थी. इसके बाद 1980 और 1985 के चुनावों में कांग्रेस के नंदलाल चौधरी ने लगातार जीत दर्ज की. 1990 और 1995 में जनता दल के शहदेव पासवान ने कांग्रेस के नंदलाल चौधरी को लगातार दो बार हराया. वर्ष 2000 में राजद के सुरेंद्र कुमार चंद्र विधायक बने.

2005 में पहली बार इस सीट पर भाजपा का परचम लहराया और कृष्ण नंदन पासवान विधायक चुने गए. 2010 में यह सीट जनता दल यूनाइटेड के खाते में गई और अवधेश प्रसाद कुशवाहा विजयी हुए. 2015 और 2020 में पिपरा सीट भाजपा के कब्जे में रही और श्याम बाबू प्रसाद यादव ने लगातार दो बार जीत दर्ज की.

2020 और 2015 में क्या रहा था हाल

2020 के विधानसभा चुनाव में श्याम बाबू प्रसाद यादव ने पिपरा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और 88587 वोट प्राप्त कर विजेता बने. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सीपीएम के राज मंगल प्रसाद को 80410 वोट मिले थे, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार अवधेश कुशवाहा को मात्र 6940 वोटों से संतोष करना पड़ा. 2015 के चुनाव में भी श्याम बाबू प्रसाद यादव ने बाजी मारी थी, जहां उन्होंने जदयू के उम्मीदवार कृष्ण चंद्र को 3930 वोटों के अंतर से हराया था. यादव को 65552 वोट मिले थे, जबकि कृष्ण चंद्र को 61622 और सीपीएम के राज मंगल प्रसाद को 8366 वोट प्राप्त हुए थे.

2010 और 2005 का रिजल्ट जानिए

2010 के चुनाव में जदयू के अवधेश कुमार कुशवाहा ने राजद के सुबोध यादव को 11887 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. अवधेश को 40099 वोट और सुबोध यादव को 28212 वोट मिले थे, जबकि सीपीएम के राज मंगल प्रसाद 9254 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. 2005 में हुए चुनाव में भाजपा के कृष्ण नंदन पासवान ने राजद के सुरेंद्र कुमार चंद्र को 10479 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. पासवान को कुल 43239 वोट मिले थे, जबकि सुरेंद्र को 32760 और लोजपा के विश्वनाथ पासवान को 4714 वोट मिले थे.

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बीजेपी को हैट्रिक की उम्मीद

2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पिपरा सीट एक बार फिर राजनीतिक दलों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बन गई है. भाजपा जहां श्याम बाबू प्रसाद यादव के नेतृत्व में हैट्रिक की उम्मीद कर रही है, वहीं विपक्षी खेमा एकजुट होकर इस सीट को भाजपा से छीनने की रणनीति पर काम कर रहा है. 2020 में मजबूत प्रदर्शन करने वाले सीपीएम के राज मंगल प्रसाद फिर से चुनौती दे सकते हैं.

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Paritosh Shahi
Paritosh Shahi
परितोष शाही डिजिटल माध्यम में पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में एक्टिव हैं. करियर की शुरुआत राजस्थान पत्रिका से की. अभी प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. देश और राज्य की राजनीति, सिनेमा और खेल (क्रिकेट) में रुचि रखते हैं.

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