23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रिलायंस कम्युनिकेशन ने टेलीकाॅम सेक्टर के घाटे के बहाने रिलायंस जियो पर किया वार!

नयी दिल्लीः टेलीकाॅम सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में शुमार रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) ने दूरसंचार क्षेत्र के कारोबार में करीब 1,20,000 करोड़ रुपये के घाटे अथवा अंतर के बहाने रिलायंस जियो के प्राइसवार पर जोरदार तरीके से वार किया है. रिलायंस कम्युनिकेशंस (का कहना है कि कड़ी शुल्क दर स्पर्धा व ऊंचे करों ने भारतीय दूरसंचार […]

नयी दिल्लीः टेलीकाॅम सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में शुमार रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) ने दूरसंचार क्षेत्र के कारोबार में करीब 1,20,000 करोड़ रुपये के घाटे अथवा अंतर के बहाने रिलायंस जियो के प्राइसवार पर जोरदार तरीके से वार किया है. रिलायंस कम्युनिकेशंस (का कहना है कि कड़ी शुल्क दर स्पर्धा व ऊंचे करों ने भारतीय दूरसंचार कंपनियों को एक तरह से निचोड़ दिया है और देश का दूरसंचार उद्योग भारी नकदी संकट का सामना कर रहा है. कंपनी का कहना है कि दूरसंचार उद्योग की इस साल की आय व इसके ऋण या भुगतान प्रतिबद्धताओं के बीच 1,20,000 करोड़ रुपये का अंतर या घाटा हुआ है.

इस खबर को भी पढ़ेंः अनिल अंबानी को मिली कर्ज चुकाने के लिए सात महीने की मोहलत, निवेशकों ने दिया आश्वासन

कंपनी का कहना है कि दूरसंचार कंपनियों के सालाना ब्याज भुगतान, ऋण भुगतान, स्पेक्ट्रम से जुड़े शुल्क व पूंजी परिव्यय को मिला दिया जाये, तो कुल राशि 1,62,000 करोड़ रुपये बनती है. वहीं, 2017-18 में कंपनियों की शुद्ध आय (ईबीआईटीडीए) 43,000 करोड़ रुपये रहना अनुमानित है. ऐसे में कंपनियों के लिए ऋण व अन्य भुगतान करना कठिन होगा.

आरकॉम ने हाल ही में निवेशकों को एक प्रस्तुति में आगाह किया है- वित्त वर्ष 2017-18 में 43,000 करोड़ रुपये के घटे हुए ईबीआईटीडीए से कंपनियों की मौजूदा ऋण भुगतान व अन्य भुगतान प्रतिबद्धताओं को पूरा करना मुश्किल होगा, यह अपर्याप्त है. दूरसंचार उद्योग की ऋण मद व स्पेक्ट्रम से जुड़े बकाया के भुगतान को मिला दिया जाये, तो सकल देनदारी 31 मार्च, 2017 को कुल मिलाकर 7,75,000 करोड़ रुपये थी.

कंपनी के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 में दूरसंचार उद्योग के कारोबार में पहली बार गिरावट आयी और कुल आय घटकर अनुमानत: 2.10 लाख करोड़ रुपये रह गयी. इससे कंपनियों के ईबीआईटीडीए में 12,000 करोड़ रुपये की कमी आयी. कंपनी का कहना है कि दूरसंचार उद्योग के कारोबार में 2017-18 में 25,000 करोड़ रुपये की और कमी आने का अनुमान है.

गौरतलब है कि ऋण के बोझ से दबी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बीते सप्ताह ही कहा कि उसे बैंकों को कर्ज की अदायगी करने के लिए सात महीने का समय मिल गया है. बैंकों ने रणनीतिक पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है. इसके तहत सात महीने तक कंपनी को ऋण की किस्त नहीं चुकानी होगी. कंपनी पर कुल 45,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel