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सितंबर में सरकार आैर उपभोक्ताआें को मिली राहत, सब्जियों के दाम घटने से थोक महंगार्इ में गिरावट दर्ज

नयी दिल्लीः सितंबर के महीने में थोक महंगार्इ ने सरकार आैर देश के उपभोक्ताआें को राहत देने वाला काम किया है. सब्जियों के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आयी कमी का असर बाजार में थोक महंगार्इ पर भी देखने को मिली. सितंबर में थोक मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी पर आ गयी […]

नयी दिल्लीः सितंबर के महीने में थोक महंगार्इ ने सरकार आैर देश के उपभोक्ताआें को राहत देने वाला काम किया है. सब्जियों के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आयी कमी का असर बाजार में थोक महंगार्इ पर भी देखने को मिली. सितंबर में थोक मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी पर आ गयी है. सब्जियों की अगुआई में खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से मुद्रास्फीति नीचे आयी है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त, 2017 में चार महीने के उच्चस्तर 3.24 फीसदी पर पहुंच गयी थी. एक साल पहले सितंबर, 2016 में यह 1.36 फीसदी पर थी.

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सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 2.04 फीसदी पर आ गई है, जबकि सालाना आधार पर अगस्त में यह 5.75 फीसदी पर पहुंच गयी थी. इस महीने के दौरान सब्जियों की कीमतों में आयी कमी की वजह से महंगार्इ दर नरम पड़कर 15.48 फीसदी पर आ गयी, जबकि इससे पिछले महीने यह 44.91 फीसदी के उच्चस्तर पर थी.

हालांकि, प्याज के दाम ऊंचे स्तर पर बने हुए हैं. सितंबर में प्याज की महंगाई दर 79.78 फीसदी के स्तर पर थी. इसी तरह अंडा, मांस और मछलियों की मुद्रास्फीति 5.47 फीसदी रही. इसी तरह विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति अगस्त के 2.45 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 2.72 फीसदी हो गयी. ईंधन और बिजली के क्षेत्र में मुद्रास्फीति नरम पड़कर 9.01 फीसदी पर आ गयी, जो अगस्त में 9.99 फीसदी पर थी.

ईंधन की कीमतें लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं. वैश्विक स्तर पर कीमतों की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम ऊंचे स्तर पर हैं. वहीं, कमजोर घरेलू उत्पादन की वजह से बिजली के दाम बढ़े हैं. वहीं, दलहन के दाम सितंबर में 24.26 फीसदी नीचे आये. आलू की कीमतों में 46.52 फीसदी तथा गेहूं में 1.71 फीसदी की गिरावट आयी.

जुलाई की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का शुरुआती अनुमान 1.88 फीसदी था और यह इसी स्तर पर कायम है. बीते सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 3.28 फीसदी रही. अगस्त में भी यह इसी स्तर पर थी. इसके अलावा, अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर नौ महीने के उच्चस्तर 4.3 फीसदी पर पहुंच गयी.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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