23.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत में ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर पैदा करने होंगे रोजगार के अवसर

नयी दिल्ली : दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार भारत में श्रमबल और संसाधनों की कमी नहीं है. ऐसा अक्सर आर्थिक रिपोर्टों में कहा जाता है, लेकिन फिलहाल इस श्रमबल को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए अगले 10 सालों के दौरान बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत है. अगर […]

नयी दिल्ली : दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार भारत में श्रमबल और संसाधनों की कमी नहीं है. ऐसा अक्सर आर्थिक रिपोर्टों में कहा जाता है, लेकिन फिलहाल इस श्रमबल को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए अगले 10 सालों के दौरान बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने की जरूरत है. अगर हम पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट पर गौर करें, तो जानकर आश्चर्य होगा कि आने वाले 10 सालों के दौरान भारत में ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने होंगे.

इसे भी पढ़ें : Good_news: रोजगार के मामले में एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की स्थिति सबसे बेहतर

रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत को अगले एक दशक के दौररान जनसंख्या में युवा आबादी की वृद्धि के मद्देनजर रोजगार के 10 करोड़ अवसर पैदा करने की जरूरत होगी. रिपोर्ट के अनुसार, रोजगार में वृद्धि होने से देश में आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं में तेजी लायी जा सकती है और इसे अधिक समावेशी बनाया जा सकता है.

पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट, ‘नागरिक : बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के जरिये समावेशी वृद्धि’ में अगले दशक में देश मे रोजगार बढ़ाने के व्यावहारिक तरीके का उल्लेख किया गया है. इसमें कहा गया है कि किस तरीके से छोटे जिलों में देश के स्थानीय संसाधनों को बाजार से जोड़ने से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा किये जा सकते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दशक में हमें ऑस्ट्रेलिया की आबादी जितने पांच गुणा रोजगार के अवसरों का सृजन करना होगा. यह देश के सामने सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा है. यदि इससे सोच-विचार तथा ऊर्जावान तरीके से निपटा जाता है, तो हमारी वृद्धि बढ़ेगी, जिससे इसे अधिक समावेशी बनाया जा सकेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को अपनी श्रमबल भागीदारी दर (एलएफपीआर) को बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए कार्यशील आबादी विशेष रूप से महिलाओं को अधिक अवसर उपलब्ध कराने पड़ेंगे.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel