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बाजार में नजर आने लगा मोदी इफेक्ट,महंगाई घटी,बदलने लगी है सूरत

नयी दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का पहला महीना आर्थिक दृष्टि से बेहतर रहा. इस दौरान बाजार गुलजार है और महंगाई भी थोड़ी कम हुई है. इससे लगने लगा है कि आर्थिक विकास सबसे निचले लेवल से ऊपर की ओर लौटने लगा है. हालांकि मॉनसून की कम बारिश के चलते अभी से कोई […]

नयी दिल्ली : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का पहला महीना आर्थिक दृष्टि से बेहतर रहा. इस दौरान बाजार गुलजार है और महंगाई भी थोड़ी कम हुई है. इससे लगने लगा है कि आर्थिक विकास सबसे निचले लेवल से ऊपर की ओर लौटने लगा है. हालांकि मॉनसून की कम बारिश के चलते अभी से कोई दावा नहीं किया जा सकता.

* बढ़ा निर्यात

सरकार के पहले महीने में ही (जून में) साल भर पहले के इसी महीने की तुलना में निर्यात 10.2 फीसदी बढ़ गया है. इससे पहले औद्योगिक उत्पादन और महंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबरें आयी थीं. ये डेटा अच्छे दिनों के शुरु आती संकेत हो सकते हैं. पिछले दो वित्तीय वर्षों ईयर से देश की आर्थिक विकास दर पांच फीसदी के निचले स्तर पर बनी हुई है. जून में इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट 21.5 फीसदी बढ़ कर 54 अरब डॉलर का रहा. वहीं रेडीमेड कपड़ों का निर्यात 14.3 फीसदी और चमड़े का निर्यात 38.37 प्रतिशत बढ़ा. इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (इइपीसी) के चेयरमैन अनुपम शाह ने बताया कि हमें अमेरिका से काफी ऑर्डर्स मिल रहे हैं. मांग इतनी ज्यादा है कि घरेलू उत्पादन ढांचाउसे पूरा करने के लिए कम पड़ रहा है. इसका मतलब यह है कि आने वाले महीनों में भी निर्यात दर अच्छी रह सकती है.

* व्यापार घाटा भी काबू में

जून में व्यापार घाटा 11.78 अरब डॉलर रहा. यह साल भर में सबसे ज्यादा लेकिन मई के 11.28 अरब डॉलर के मुकाबले कुछ अधिक है. ये डेटा वाणिज्य मंत्रालय ने जारी किये हैं.

साल भर में पहली बार आयात बढ़ा है. इसमें सात फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इससे भी घरेलू स्तर पर सुधार का संकेत मिलता है. भारतीय रिजर्व बैंक के निर्यात में ढील देने के बाद जून में सोने का आयात 65 फीसदी तक बढ़ गया. इसे छोड़ दें तो भी आयात में बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था में मजबूती का इशारा कर रही है. जून में निर्यात लगातार तीसरे महीने बढ़ा है. इसमें इंजीनियरिंग, लेदर, टेक्सटाइल्स और पेट्रोलियम सेक्टर का अहम रोल रहा.

* बाजार में लौटेगी चमक

निर्यात बढ़ने से औद्योगिक उत्पादन बढ़ेगा. मई में यह 4.7 प्रतिशत बढ़ा था, जो पिछले 19 महीने में सबसे अधिक है. जून में आभूषणों के निर्यात में पांच फीसदी की गिरावट आयी. हालांकि, सोने का आयात बढ़ने से आनेवाले महीनों में आभूषण निर्यात बढ़ सकता है. जून में खुदरा और थोक में महंगाई कमी हुई.

वहीं, कार बिक्री बढ़ कर 10 महीने में सबसे ज्यादा हो गयी. इसका मतलब यह है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 के पहले तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पांच फीसदी रह सकती है, जो मार्च तिमाही में 4.6 फीसदी रही थी.

* क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

निर्यात का आंकड़ा हौसला बढ़ाने वाला है. खासतौर पर इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में बढ़ोतरी. इससे उत्पादकता बढ़ने का संकेत मिलता है. तेल और सोने को हटाने के बाद भी दूसरे उत्पाद का आयात बढ़ा है. जून में औद्योगिक उत्पादन में भी शानदार बढ़ोतरी हुई. अगर कार सेल्स, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट डेटा देखें तो लगता है कि अर्थव्यवस्था ऊपर की ओर आ रही है.

सौम्या कांति घोष, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की आर्थिक सलाहकार

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