27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मौजूदा वित्‍त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है : प्रणब सेन

नयी दिल्‍ली: राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के चेयरमैन प्रणब सेन ने अर्थव्यवस्था पर कमजोर मानसून के प्रतिकूल असर संबंधी चिंताओं को दूर करते हुए आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत तक उंची रह सकती है.सेन का मानना है कि आर्थिक समीक्षा में सरकार का 5.4-5.9 प्रतिशत वृद्धि का […]

नयी दिल्‍ली: राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के चेयरमैन प्रणब सेन ने अर्थव्यवस्था पर कमजोर मानसून के प्रतिकूल असर संबंधी चिंताओं को दूर करते हुए आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत तक उंची रह सकती है.सेन का मानना है कि आर्थिक समीक्षा में सरकार का 5.4-5.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान काफी नरम है. सेन पूर्व मुख्य सांख्यिकीयविद भी हैं.

सेन ने छठी आर्थिक गणना जारी करने के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, ‘साल 2009 में जब मानसून 35 साल में सबसे खराब रहा था, आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही थी. अब हम मौजूदा वित्त वर्ष में लगभग 5.4 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि की बात कर रहे हैं. इस समय निराश होने की कोई जरुरत नहीं है. मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 6.5 प्रतिशत उंचाई को छू सकती है.’

साल 2008-09 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर (0.4 प्रतिशत) कमजोर रहने के बावजूद आर्थिक वृद्धि 6.7 प्रतिशत रही थी. इसी तरह 2009-10 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 1.5 प्रतिशत रही जबकि आर्थिक वृद्धि 8.6 प्रतिशत रिकार्ड की गई. आंकडों के अनुसार दो साल के दौरान विनिर्माण तथा अन्य क्षेत्र की वृद्धि दर काफी उंची रही। 2008-09 और 2009-10 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 4.7 प्रतिशत और 9.5 प्रतिशत रही.

इसी प्रकार इन दो सालों में वित्त, बीमा, रीयल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं से जुडे सेवा क्षेत्र में क्रमश 12 प्रतिशत और 9.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले दो साल के दौरान औद्योगिक उत्पादन की कमजोर वृद्धि को देखते हुये अर्थव्यवस्था पर मानसून का गंभीर प्रभाव पड सकता है. वर्ष 2012-13 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 1.2 प्रतिशत और 2013-14 में 0.5 प्रतिशत रही.

इससे औद्योगिक उत्पादन में धीमी वृद्धि परिलक्षित होती है. पिछले लगातार दो साल में अर्थव्यवसथा में सुस्ती का दौर जारी है और आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत से नीचे रही है. वर्ष 2012-13 में यह 4.5 प्रतिशत और 2013-14 में 4.7 प्रतिशत रही.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel