23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बकाया राशि को लेकर रविशंकर प्रसाद समेत सरकार के टॉप अफसरों से मिले सुनील भारती मित्तल

नयी दिल्ली : दिग्गज उद्योगपति सुनील भारती मित्तल ने सोमवार को दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद समेत सरकार के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की. उनकी यह मुलाकात इस क्षेत्र की कंपनियों पर स्पेक्ट्रम और लाइसेंस शुल्क के रूप में अरबों डॉलर के कानूनी बकाये को लेकर हुई. मित्तल की कंपनी सहित दूरसंचार क्षेत्र की कई […]

नयी दिल्ली : दिग्गज उद्योगपति सुनील भारती मित्तल ने सोमवार को दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद समेत सरकार के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की. उनकी यह मुलाकात इस क्षेत्र की कंपनियों पर स्पेक्ट्रम और लाइसेंस शुल्क के रूप में अरबों डॉलर के कानूनी बकाये को लेकर हुई. मित्तल की कंपनी सहित दूरसंचार क्षेत्र की कई कंपनियों ने अपने लेखा-जोखा में ऐसे बकायों के लिए पूरी तरह प्रावधान नहीं किया है.

सूत्रों के अनुसार, मित्तल ने पहले प्रसाद से और उसके बाद दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश से मुलाकात की. स्पष्ट तौर पर उनकी मुलाकात समायोजित सकल आमदनी पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से खड़ी देनदारी को लेकर लेकर हुई. दूरसंचार कंपनियां की आमदनी में सरकार के सांविधिक हिस्से की गणना के लिए आय की गणना कैसे की जाये, इस बारे में अदालत ने सरकार के दृष्टिकोण को सही करार दिया है.

वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला को भी सोमवार को इन मुलाकातों में शामिल होना था, लेकिन उन्होंने अलग से समय मांगा है. शीर्ष अदालत के निर्णय से वोडाफोन-आइडिया पर भी असर पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को सरकार की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि दूरसंचार समूह में अन्य स्रोत से आय को समायोजित सकल आय में शामिल करना चाहिए. इसी रकम पर कानूनी शुल्क वसूला जायेगा.

सूत्रों के अनुसार, दूरंसचार कंपनियां संभावित राहत के लिए सरकार की ओर देख रही हैं. वे चाहती हैं कि सरकार जुर्माने और ब्याज से राहत दे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कंपनियों को ब्याज और जुर्माना समेत शुल्क देना होगा. कंपनियों को कानूनी विवाद से उत्पन्न होने वाली किसी भी संभावित देनदारी के लिए अपने बही-खातों में प्रावधान करने की जरूरत होती है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और प्रावधान को लेकर पड़ने वाले प्रभाव के संदर्भ में भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया को ई-मेल भेजे गये, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. उद्योग सूत्रों का कहना है कि पूरी राशि के लिए प्रावधान नहीं किये गये. कंपनियों ने सरकार के साथ बैठक के बारे में अलग से भेजे गये ई-मेल के बारे में भी कोई जवाब नहीं दिया.

दूरसंचार विभाग के आकलन के अनुसार, लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क समेत भारती एयरटेल पर देनदारी 42,000 करोड़ रुपये बैठती है, जबकि वोडाफोन-आइडिया 40,000 करोड़ रुपये देने पड़ सकते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel