27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

SBI के अर्थशास्त्रियों ने कहा, अंतिम कर्जदाता की भूमिका निभाए रिजर्व बैंक

मुंबई : भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में जारी संकट के बीच शुक्रवार को कहा कि रिजर्व बैंक को अंतिम कर्जदाता की अपनी भूमिका निभानी चाहिए. इन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि केंद्रीय बैंक एनबीएफसी क्षेत्र में 2018 में समस्या शुरू होने के समय से ही अपनी इस भूमिका से […]

मुंबई : भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में जारी संकट के बीच शुक्रवार को कहा कि रिजर्व बैंक को अंतिम कर्जदाता की अपनी भूमिका निभानी चाहिए. इन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि केंद्रीय बैंक एनबीएफसी क्षेत्र में 2018 में समस्या शुरू होने के समय से ही अपनी इस भूमिका से बचता रहा है.

बजट को लेकर उम्मीदों पर अपनी रिपोर्ट में अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि आरबीआई को एनबीएफसी को संपत्ति के एवज में नकदी उपलब्ध कराने के बारे में ‘गंभीरता से विचार’ करना चाहिए. उनका कहना है कि वित्तीय बाजार में भरोसे के संकट को देखते हुए यह जरूरी है कि केंद्रीय बैंक अंतिम कर्जदाता की अपनी भूमिका नहीं भूले.

गौरतलब है कि आईएलएंडएफएस के धाराशायी होने के बाद से एनबीएफसी क्षेत्र प्रभावित है. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि नकदी समस्या से जूझ रही एनबीएफसी द्वारा कर्ज दिये जाने में कमी से खपत कम हुई है. इसकी वजह से अन्य बातों के अलावा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर घटी है.

एसबीआई की रिपोर्ट में एक फरवरी को पेश होने वाले बजट के लिए राजकोषीय नीति को लेकर दिये गये सुझाव में एनबीएफसी की मदद की बात शामिल की गयी है. अन्य बातों में एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने सिफारिश की है कि सरकार को वृद्धि पर ध्यान देना चाहिए न कि राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने पर.

रिपोर्ट के अनुसार, अगर ऐसा नहीं किया गया, तो वृद्धि में नरमी की समस्या और बढ़ेगी. उन्होंने 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा 3.8 फीसदी पर रखने का सुझाव दिया है. यह 2019-20 के उसके संशोधित अनुमान 3.8 फीसदी के बराबर है.

इसमें कहा गया है कि सरकार को 2021-22 के नये राजकोषीय मजबूती के लिए नयी रूपरेखा अपनाना चाहिए. इसके तहत 2024-245 तक राजकोषीय घाटे को 0.20 फीसदी कमी लाने पर गौर किया जाना चाहिए. अर्थशास्त्रियों के अनुसार, कृषि क्षेत्र की बेहतरी और बेहतर स्वास्थ्य परिणाम के लिए सरकार ‘पौष्टिक भारत’ नाम से योजना घोषित कर सकती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel