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खत्म किये जाने वाली टैक्‍सों की सूची अगले कुछ दिनों में, GST पर सभी दल एकमत : अरुण जेटली

नयी दिल्‍ली :वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार अगले चार साल में कार्पोरेट कर घटाकर 25 प्रतिशत करने की पहल के अंग के तौर पर कुछ दिनों में उन कर-छूटों की सूची लेकर आएगी जिन्हें खत्म किया जाना है. मंत्री ने यह भी कहा कि विनिर्माताओं द्वारा की जा रही डंपिंग से […]

नयी दिल्‍ली :वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार अगले चार साल में कार्पोरेट कर घटाकर 25 प्रतिशत करने की पहल के अंग के तौर पर कुछ दिनों में उन कर-छूटों की सूची लेकर आएगी जिन्हें खत्म किया जाना है. मंत्री ने यह भी कहा कि विनिर्माताओं द्वारा की जा रही डंपिंग से घरेलू इस्पात क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करने की पहलों की पडताल की जा रही है. उन्होंने कहा कि कर से जुडी हर मांग को ‘कर आतंकवाद’ करार नहीं दिया जा सकता और सरकार भारत या विदेश में काले धन के मुद्दे पर नरम नहीं पडेगी.

आम बजट में कार्पोरेट कर घटाने की घोषणा के संबंध में जेटली ने कहा ‘अगले कुछ दिनों में हम ऐसी कर छूटों की सूची लेकर आएंगे जिन्हें हम पहले खत्म करना चाहते हैं. आगामी चार साल में कार्पोरेट कर में पांच प्रतिशत की कटौती होगी और बहुत सी छूटें खत्म होंगी.’ ब्रिटेन की इकॉनामिस्ट पत्रिका द्वारा आयोजित ‘इंडिया समिट 2015′ में जेटली ने कहा ‘इस तरह हम कराधान प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरुप बनाएंगे और केवल कई तरह की छूटें खत्म कर कराधान आकलन और रिटर्न को आसान बनाएंगे.’

वित्त मंत्री ने 2015-16 के आम बजट में घोषणा की थी कि सरकार अगले चार साल में कार्पोरेट कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा करेगी ताकि दरें प्रतिस्पर्धी देशों के अनुरुप हों. इस्पात के विभिन्न खंडों में आयात में बढोतरी के मद्देनजर रक्षोपाय महानिदेशालय (डीजीएस) ने चीन, कोरिया, जापान और रूस से इस्पात के आयात पर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जेटली ने कहा कि सरकार इस्पात की खपत करने वाले उद्योग और घरेलू उत्पादों के हितों के बीच संतुलन कर रही है और इस क्षेत्र की मौजूदा समस्या वाह्य कारकों के कारण है.

उन्होंने कहा ‘यह वाह्य मुद्दा है. हमने अपना शुल्क (इस्पात आयात पर) दो बार आंशिक तौर पर बढाया है. हम अन्य पहलों पर विचार कर रहे हैं और गंभीरता से पडताल कर रहे हैं ताकि हम समस्या का समाधान कर सकें और ये इस्पात की डंपिंग के खिलाफ रक्षात्मक कार्रवाई हो सकती है.’ सरकार ने एक रपट में कहा था कि आयात बढने के कारण 2013-14 से घरेलू उत्पादकों की हिस्सेदारी घट रही है और 2015-16 में यह 45 प्रतिशत से घटकर 37 प्रतिशत रह सकती है.

काले धन पर पूछे गए सवालों के जवाब में जेटली ने कहा कि यह समस्या कुछ लोगों तक सीमित है और सरकार इस मुद्दे पर नरम नहीं पडेगी क्योंकि उसे अपने सारे संसाधनों को बैंकिंग प्रणाली में लाना है. देश से बाहर जमा गैरकानूनी परिसंपत्ति की समस्या से निपटने के लिए सरकार काले धन पर एक कानून लायी है. इस कानून के तहत 90 दिन की अनुपालन सुविधा प्रदान की गई है जिसके तहत लोग विदेश में जमा परिसंपत्ति की घोषणा कर सकते हैं और 60 प्रतिशत कर और दंड का भुगतान कर इससे मुक्त हो सकते हैं.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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