8th Pay Commission: केंद्र सरकार के 36 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खबर है. लंबे इंतजार के बाद अब 8वीं वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को लेकर हलचल तेज हो गई है. सूत्रों के अनुसार, मई 2025 के अंत तक इस आयोग के गठन की संभावना है, जिससे करोड़ों कर्मचारियों को राहत मिल सकती है.
सरकार ने दी मंजूरी, अब गठन की औपचारिकता बाकी
सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. हालांकि आयोग की औपचारिक घोषणा और टीम का गठन अब भी बाकी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि सरकार जल्द ही इस पर काम शुरू करेगी. माना जा रहा है कि यह समिति जनवरी 2026 से पहले अपनी रिपोर्ट दे देगी ताकि उसी समय से इसे लागू किया जा सके.
कैसा होगा आयोग का ढांचा? जानिए कौन होंगे सदस्य
अगर हम पुराने वेतन आयोगों को देखें, तो आयोग का नेतृत्व आमतौर पर किसी सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के जज या सीनियर ब्यूरोक्रेट करते हैं. इसके साथ टीम में अर्थशास्त्री, पेंशन व सरकारी व्यय विशेषज्ञ और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होते हैं. इस बार भी एक मजबूत और अनुभवी टीम के बनने की संभावना है, जो सैलरी, पेंशन, महंगाई भत्ता (DA) और फिटमेंट फैक्टर पर सुझाव देगी.
40-50% तक सैलरी में इज़ाफे की उम्मीद
8वें वेतन आयोग से उम्मीद जताई जा रही है कि यह कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 40% से 50% तक का इज़ाफा सुझा सकता है. यह वृद्धि नए फिटमेंट फैक्टर पर आधारित होगी, जो कि 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है. अगर अधिकतम फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो जिसकी मौजूदा बेसिक सैलरी ₹20,000 है, उसकी नई सैलरी ₹46,600 से ₹57,200 तक पहुंच सकती है.
हर आयोग ने सैलरी में भारी बढ़ोतरी की
वेतन आयोग | बेसिक सैलरी |
5वां वेतन आयोग | ₹2,750 |
6वां वेतन आयोग | ₹7,000 |
7वां वेतन आयोग | ₹18,000 |
इस हिसाब से सैलरी में अब तक कुल 554% का इज़ाफा देखा गया है. 8वें आयोग से भी इसी तरह के सुधार की उम्मीद की जा रही है.
फिटमेंट फैक्टर 3.68 की मांग
कुछ कर्मचारी संगठनों की मांग है कि फिटमेंट फैक्टर को 3.68 तक बढ़ाया जाए. अगर यह मांग मान ली जाती है, तो मौजूदा ₹30,000 बेसिक सैलरी सीधे ₹1,10,400 तक जा सकती है. यह अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी मानी जाएगी.
क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग?
- हंगाई के चलते जीवन-यापन की लागत तेजी से बढ़ रही है
- कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बनाए रखने के लिए वेतन में समय-समय पर संशोधन जरूरी है
- 7वां वेतन आयोग 2016 से लागू है और इसका कार्यकाल जनवरी 2026 तक है, ऐसे में नई समिति का गठन समय रहते होना जरूरी है.
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