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8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की बढ़ने वाली है सैलरी, जानें सरकार कब खोलेगी खजाना?

8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के लिए जब कोई वेतन आयोग सिफारिश करता है, तो उसे इसकी रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम एक साल से लेकर डेढ़ साल तक का समय लगता है. वेतन आयोग कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन बढ़ोतरी की सिफारिश करने से पहले देश की आर्थिक स्थिति और सरकारी खजाने का भी ख्याल रखता है.

8th Pay Commission: लगातार बढ़ती महंगाई से आम जनता के साथ-साथ निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों पर भी आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय और राज्यों के सरकारी कर्मचारी सालों से वेतन बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं. केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी होने के बाद ही राज्यों के सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि संभव है. केंद्रीय कर्मचारी पिछले कई सालों से वेतन बढ़ोतरी के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे हैं. अब चालू कैलेंडर साल 8वें वेतन आयोग के गठन का साल चल रहा है. 7वें वेतन आयोग के गठन की समयसीमा समाप्त होने वाली है. आइए, जानते हैं कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर क्या करने जा रही है और उनका वेतन कब बढ़ेगा.

कब लागू हुई थी 7वें वेतन आयोग की सिफारिश

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार ने साल 2014 को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया था. हालांकि, 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर सरकार की ओर से अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन माना यह जा रहा है कि किसी भी वेतन आयोग की समयसीमा 10 साल होती है. इस लिहाज से साल 2024 में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन हो जाना चाहिए था. हालांकि, उम्मीद यह जाहिर की जा रही है कि 7वें वेतन आयोग की समयसीमा समाप्त होने से पहले सरकार 8वें वेतन आयोग का गठन कर देगी. वेतन आयोग की सिफारिश पर सरकार कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और रिटायरमेंट के समय पेंशन का निर्धारण करती है. इसके साथ ही, राज्यों में भी केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के आधार पर राज्य कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की जा रही है.

साल-डेढ़ साल में रिपोर्ट तैयार करता है वेतन आयोग

सरकारी कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के लिए जब कोई वेतन आयोग सिफारिश करता है, तो उसे इसकी रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम एक साल से लेकर डेढ़ साल तक का समय लगता है. वेतन आयोग कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के साथ-साथ भत्ते और पेंशन निर्धारण के लिए मैट्रिक्स का इस्तेमाल करते समय देश की आर्थिक स्थिति और सरकारी खजाने का भी खयाल रखता है. अपनी रिपोर्ट में आयोग सरकार को पहले ही यह बता देता है कि अगर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में बढ़ोतरी की जाती है, तो सरकारी खजाने पर कितना बोझ बढ़ेगा. 7वें वेतन आयोग के तहत वेतन संशोधन के बारे में कर्मचारी यूनियनों ने 3.68 का फिटमेंट फैक्टर मांगा था, लेक‍िन उस समय सरकार ने फिटमेंट फैक्टर 2.57 पर समझौता किया.

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8वें वेतन आयोग का गठन कब करेगी सरकार

हालांकि, सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया है. संसद के बीते कई सत्रों में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों की ओर से पिछले दो-तीन सालों में कई बार सवाल पूछे गए हैं, लेकिन उसके जवाब में सरकार ने हमेशा यही कहा है कि अभी इस प्रकार की कोई योजना नहीं है. लेकिन, वर्तमान राजनीतिक और चुनावी परिप्रेक्ष्य में यह उम्मीद की जा रही है कि इस समय देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया. ऐसी स्थिति में संभावना यह जाहिर की जा रही है कि सरकारी दिवाली 2024 तक संभवत: 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान कर सकती है और 2026 तक केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होने की संभावना है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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