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ईरानी कार्गो से कोई नाता नहीं, अदाणी ग्रुप ने तोड़ी चुप्पी! अमेरिकी जांच को बताया बेबुनियाद

Adani Group: अदाणी ग्रुप ने स्पष्ट किया है कि उसके किसी भी बंदरगाह पर ईरानी कार्गो या ईरानी स्वामित्व वाले जहाजों को नहीं संभाला जाता. वॉल स्ट्रीट जर्नल की अमेरिकी जांच संबंधी रिपोर्ट को ग्रुप ने "निराधार और शरारती" बताया है. ग्रुप ने कहा कि वह ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों का पूरी तरह पालन करता है और किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं किया गया है. अदाणी ने अपनी नीति के तहत ईरान से जुड़े किसी भी माल या जहाज को सुविधा न देने की बात दोहराई.

Adani Group: अदाणी ग्रुप ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि उसके बंदरगाहों पर न तो कोई ईरानी माल उतारा जाता है और न ही कोई ईरानी स्वामित्व वाला जहाज लंगर डालता है. समूह ने अमेरिका में चल रही जांच और मीडिया रिपोर्टों को “निराधार और शरारती” बताया है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी अभियोजक अदाणी ग्रुप की उन गतिविधियों की जांच कर रहे हैं, जिनमें ईरान से लिक्विड पेट्रोलियम गैस (LPG) भारत के मुंद्रा बंदरगाह के माध्यम से आयात की गई हो सकती है. रिपोर्ट में संदेह जताया गया था कि अदाणी ग्रुप की इकाइयां कथित रूप से अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रही हैं.

अदाणी ग्रुप ने दिया जवाब

शेयर बाजार को दिए अपने आधिकारिक बयान में अदाणी ग्रुप ने कहा, “अदाणी ग्रुप अपने किसी भी बंदरगाह पर ईरान से आने वाले किसी भी कार्गो को नहीं संभालता है. इसमें ईरानी झंडे वाले जहाज या ईरानी मालिकाना हक वाले पोत शामिल हैं. ग्रुप किसी भी ऐसे जहाज को बंदरगाह की सुविधा नहीं देता.” ग्रुप ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने जानबूझकर किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं किया है और ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों का पूरी तरह सम्मान किया है.

सख्त नीति का पालन

अदाणी ग्रुप ने यह भी बताया कि उनके सभी बंदरगाहों पर ईरान से संबंधित किसी भी प्रकार की गतिविधि पर रोक है और इस नीति का सख्ती से पालन किया जाता है. इसके तहत समूह न केवल ईरानी कार्गो को रोकता है, बल्कि ऐसे किसी जहाज को भी सेवा नहीं देता, जो ईरानी स्वामित्व में हो.

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अमेरिका के प्रतिबंधों का पृष्ठभूमि

अमेरिका ने ईरान के संदिग्ध परमाणु कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के तहत ईरानी तेल व उससे जुड़े उत्पादों के व्यापार पर रोक लगा रखी है. अमेरिकी कानून के अनुसार, प्रतिबंधित वस्तुओं की खरीद-फरोख्त में शामिल किसी भी देश या कंपनी पर भी कार्रवाई की जा सकती है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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