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2027 तक भारत में AI का होगा बोलबाला, बाजार पहुंचेगा 17 अरब डॉलर के पार

AI Market in India: भारत का एआई बाजार 2027 तक तीन गुना बढ़कर 17 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. बीसीजी की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि डिजिटल बुनियादी ढांचे, डेटा सेंटर विस्तार, कुशल एआई पेशेवरों और सरकार की इंडिया एआई योजना जैसे प्रयासों से संभव होगी. रिपोर्ट में 600,000 एआई पेशेवरों और 2,000 से अधिक स्टार्टअप्स की भूमिका को अहम बताया गया है. भारत जल्द ही एआई क्षेत्र में दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते बाजारों में शामिल हो सकता है.

AI Market in India: शास्त्रार्थ और पारंपरिक ज्ञान वाले देश भारत में साल 2027 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बोलबाला बढ़ जाएगा. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सेक्टर 2027 तक तेज गति से बढ़ेगा. वर्तमान में जहां यह उद्योग सीमित दायरे में है, वहीं 2027 तक इसका आकार तीन गुना होकर 17 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है. यह उछाल देश की डिजिटल प्रगति, प्रौद्योगिकी में निवेश और दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता के कारण संभव होगा.

भारत की एआई छलांग

बीसीजी की रिपोर्ट ‘भारत की एआई छलांग: उभरती चुनौतियों पर बीसीजी परिप्रेक्ष्य’ में कहा गया है कि भारत में फिलहाल 70 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं. इसके अलावा, 6 लाख से अधिक एआई प्रोफेशनल्स काम करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2,000 से अधिक एआई स्टार्टअप सक्रिय हैं. इन आंकड़ों के चलते भारत को एआई के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ते देशों में गिना जा रहा है.

डेटा सेंटर और तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश

भारत सरकार 2025 तक 45 नए डेटा सेंटर स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है. इससे मौजूदा 152 डेटा सेंटरों में 1,015 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता जोड़ी जाएगी. यह निवेश केवल भौतिक संसाधनों को ही नहीं बढ़ाएगा, बल्कि डेटा प्रोसेसिंग क्षमता को भी व्यापक बनाएगा, जो एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए अनिवार्य है.

इंडिया एआई पहल से सरकारी समर्थन

सरकार की इंडिया एआई योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का फंड रखा गया है. इसके तहत भारत में एक राष्ट्रीय एआई कंप्यूट अवसंरचना तैयार की जाएगी, जो अनुसंधान और एआई मॉडल प्रशिक्षण के लिए 10,000 से अधिक जीपीयू की पहुंच प्रदान करेगी. इससे देश की अनुसंधान क्षमता को वैश्विक मानकों तक ले जाने में मदद मिलेगी.

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व्यवसाय की जरूरत है एआई

बीसीजी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और पार्टनर मनदीप कोहली ने कहा, “एआई अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक व्यावसायिक अनिवार्यता बन गया है. भारतीय कंपनियां इसके जरिए पारंपरिक ग्रोथ मॉडल को पीछे छोड़कर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उतर रही हैं.”

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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