Air India Plane Crash: 12 जून, गुरुवार दोपहर को एक दर्दनाक हादसा हुआ जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, अहमदाबाद से लंदन रवाना होते ही हादसे का शिकार हो गई. यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान महज 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा था, तभी अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में गिर गया. इस विमान में 232 यात्री और 10 क्रू मेंबर सवार थे. अब बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर किसी विमान हादसे में यात्री की जान चली जाती है तो उसके परिवार को क्या मुआवजा मिलता है, कौन देता है और इसके नियम क्या हैं?
अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट में मुआवजे का नियम: मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत
अगर हादसा इंटरनेशनल उड़ान में होता है, तो मुआवजे का निर्धारण Montreal Convention, 1999 के तहत होता है. भारत इस अंतरराष्ट्रीय संधि का हिस्सा है और इसी के आधार पर नियम बनाए गए हैं. इस कन्वेंशन के तहत हर यात्री के लिए 128,821 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) तक का मुआवजा तय है. भारतीय करेंसी में यह राशि लगभग 1.4 करोड़ रुपये होती है (रुपये में यह अमाउंट SDR की वैल्यू और करेंसी रेट पर निर्भर करता है). यदि यह सिद्ध हो जाए कि हादसा एयरलाइंस की लापरवाही से हुआ है, तो मुआवजे की राशि और भी अधिक हो सकती है.
घरेलू उड़ानों के लिए नियम क्या कहते हैं
हालांकि Montreal Convention सिर्फ इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर लागू होता है, लेकिन DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने अपने दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट किया है कि भारतीय एयरलाइंस कंपनियां घरेलू उड़ानों में भी यात्रियों को लगभग वैसी ही सुरक्षा देती हैं. घरेलू उड़ानों में मुआवजे की राशि अलग-अलग हो सकती है, लेकिन ज्यादातर कंपनियां ₹20 लाख से ₹1 करोड़ तक का कवरेज देती हैं. यह मुआवजा एयरलाइन और इंश्योरेंस कंपनी की साझा जिम्मेदारी होती है.
ट्रैवल इंश्योरेंस से कितना फायदा
आज के समय में कई लोग अपनी यात्रा के दौरान ट्रैवल इंश्योरेंस लेते हैं. अगर किसी यात्री ने हादसे से पहले बीमा कराया है, तो उसे इस पॉलिसी से अतिरिक्त फायदे मिलते हैं. बीमा कंपनियां आमतौर पर ₹25 लाख से ₹1 करोड़ तक की आकस्मिक मृत्यु कवर देती हैं.
साथ ही ₹5 लाख से ₹10 लाख तक की स्थायी विकलांगता कवरेज भी होता है. यह बीमा रकम परिवार को अलग से मिलती है, यानी मुआवजे के अलावा.
मुआवजे की रकम कौन देता है?
- यात्रियों को मिलने वाला मुआवजा सीधे एयरलाइन कंपनी और उसकी बीमा पॉलिसी के तहत आता है.
- यदि यात्री ने खुद का बीमा लिया है तो बीमा कंपनी भी अलग से मुआवजा देती है.
- कुछ मामलों में कोर्ट के आदेश से भी अतिरिक्त मुआवजा तय होता है, खासकर जब एयरलाइन की लापरवाही साबित हो जाए.
विमानन हादसों को लेकर DGCA के सख्त नियम
- भारत में विमान हादसों की स्थिति में DGCA ने एयरलाइंस के लिए कई नियम बनाए हैं, ताकि यात्रियों के हितों की रक्षा हो सके
- एयरलाइंस को हादसे के तुरंत बाद प्राथमिक मुआवजा देना होता है.
- पीड़ित परिवारों को मनोवैज्ञानिक सहायता और कानूनी मदद देना भी अनिवार्य है.
- एयरलाइंस पर यह जिम्मेदारी भी होती है कि वे पीड़ित परिवारों को लगातार जानकारी देती रहें.
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