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अखिलेश यादव ने 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था के दावे पर उठाए सवाल, संसद में कह दी ये बात

Economy: अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कहती है कि देश पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. लेकिन, यह क्यों छिपाती है कि अगर हम पांचवे स्थान पर हैं, तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है?

Economy: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था के दावे पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अर्थव्यवस्था को लेकर किए जा रहे दावे पर कई अहम बातें कही हैं. उन्होंने अपने भाषण में अर्थव्यवस्था, प्रतिव्यक्ति आय, बेरोजगारी, सरकारी नौकरी और आरक्षण जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा की.

किस स्थान पर पहुंची देश की प्रति व्यक्ति

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कहती है कि देश पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, लेकिन यह क्यों छिपाती है कि अगर हम पांचवे स्थान पर हैं, तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है? उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, तो विकास दर 35 फीसदी चाहिए, जो संभव नहीं दिखाई देता है.

विकास के नाम पर खरबों रुपये का भ्रष्टाचार

अखिलेश यादव ने अपने भाषण के दौरान सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों का आग्रह है कि कम से कम गंगाजल को लेकर तो झूठ नहीं बोला जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम खरबों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने सवाल किया कि क्या विकास का ढिंढोरा पीटने वाले इस विनाश की जिम्मेदारी लेंगे? उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश में जो सड़क बनाई थी, उस पर हवाई जहाज उतरे थे, लेकिन अब प्रदेश के मुख्य शहरों की सड़कों पर नाव चल रही हैं.

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10 सालों में कितनी नई मंडियां बनाई गईं

उन्होंने देश में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के सरकार के दावे पर भी तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा किया गया, लेकिन देश में पिछले 10 सालों के दौरान कितनी नई मंडियां बनाई गई हैं. किसानों के एमएसपी की बात कही जाती है, लेकिन जब देश में मंडियां नहीं बनी हैं, तो किसानों को एमएसपी का लाभ कैसे मिलेगा. गन्ना किसानों को बकाया राशि भुगतान नहीं किया जा रहा है. देश में सरकारी नौकरियां नहीं हैं. सरकार नौकरियां इसलिए नहीं दे रही है, क्योंकि नौकरी देने के बाद उसे आरक्षण का लाभ भी देना होगा. सरकार ने आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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