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टैरिफ में रोक के बाद अमेरिका को झींगा मछली भेजेगा भारत, रवाना होंगे 2000 कंटेनर

America-India Export: अमेरिका की ओर से झींगा निर्यात पर 26% टैरिफ की रोक से भारत को राहत मिली है. भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक अब 35,000-40,000 टन झींगा अमेरिका भेजने की तैयारी कर रहे हैं. लगभग 2000 कंटेनर निर्यात के लिए तैयार हैं. SEAI ने सरकार से स्थायी समाधान के लिए व्यापार वार्ता में समान अवसर सुनिश्चित करने की अपील की है.

America-India Export: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों की रोक लगाए जाने के बाद भारत के समुद्री खाद्य निर्यातक झींगा मछली भेजने की तैयारी में जुट गए हैं. बताया जा रहा है कि वे करीब 2000 कंटेनर पर 35,000-40,000 टन झींगा मछली भेजने की तैयारी कर रहे हैं. बताया यह भी जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से झींगा निर्यात पर प्रस्तावित 26% रेसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित किए जाने के बाद भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों को बड़ी राहत मिली है.

निर्यात को मिली राहत से बढ़ेगी रफ्तार

भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक संघ (SEAI) के महासचिव केएन राघवन ने बताया कि अब भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक समानता मिली है. राघवन के अनुसार, प्रस्तावित टैरिफ की घोषणा के कारण जिन ऑर्डर को रोका गया था, वे अब फिर से सक्रिय किए जा रहे हैं. भारत के झींगा निर्यात में अमेरिका सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है, जिसने वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 2.7 अरब डॉलर कीमत का झींगा मंगवाया था.

वर्तमान टैरिफ और अस्थायी राहत

अमेरिका इस समय भारत के झींगा निर्यात पर कुल मिलाकर लगभग 17.7% टैरिफ लगा रहा है, जिसमें 5.7% प्रतिकारी शुल्क और 1.8% डंपिंग रोधी शुल्क शामिल है. हालांकि, चीन को छोड़कर दूसरे सभी देशों के लिए वर्तमान में केवल 10% मूल शुल्क ही लागू है. चीन पर अब भी 145% तक का भारी शुल्क लागू है.

निर्यातकों को मिला समय

उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि अतिरिक्त शुल्क पर 90 दिनों की यह रोक निर्यातकों को राहत प्रदान करेगी, जिससे वे बिना अतिरिक्त लागत के अपने रुके हुए ऑर्डर पूरे कर पाएंगे. यह मौका भारतीय उद्योग के लिए काफी अहम है, क्योंकि अधिक शुल्क की स्थिति में इन्हें भारी वित्तीय नुकसान हो सकता था.

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सरकार से व्यापारिक समर्थन की अपील

राघवन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि इस अस्थायी राहत की अवधि समाप्त होने से पहले आगामी व्यापार वार्ताओं में स्थायी समाधान पर ध्यान दिया जाए, जिससे भारत के समुद्री खाद्य निर्यातकों को अमेरिका के बाजार में लंबे समय तक समान अवसर मिल सके.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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