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बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयर खरीदें या बेचें! Q4 में कंपनी की बंपर कमाई

Bajaj Housing Finance Share: बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने Q4 में 54% बढ़त के साथ 587 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. कंपनी की NII 31% बढ़ी, AUM 1.15 लाख करोड़ रुपये पहुंची. निवेशकों को शेयरों में 1 महीने में 9.67% रिटर्न मिला है. क्या निवेश करना सही रहेगा? जानें विशेषज्ञों की राय, शेयर टारगेट और वित्तीय मजबूती से जुड़ी अहम बातें.

Bajaj Housing Finance Share: बजाज हाउसिंग फाइनेंस को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4) में बंपर कमाई हुई है. कंपनी ने 54% की सालाना बढ़त के साथ 587 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट अर्जित की है. कंपनी की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) सालाना आधार पर 31% बढ़कर 823 करोड़ रुपये रही. यह पिछले साल की इसी तिमाही में यह 629 करोड़ रुपये थी. नेट इंटरेस्ट मार्जिन Q3 और Q4 में करीब 4% रहा, जो पिछले साल के 3.8% के मुकाबले बेहतर है.

बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों में उछाल

बजाज हाउसिंग फाइनेंस की ओर से चौथी तिमाही के नतीजे घोषित किए जाने के बाद गुरुवार को उसके शेयरों में भारी उछाल देखा जा रहा है. खबर लिखे जाने तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कंपनी के शेयर 1.28% की तेजी के साथ 133.62 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार करते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, बाजार में कारोबार की शुरुआत होने के साथ ही यह 135.64 रुपये प्रति शेयर पर खुला था. पिछले एक महीने की बात करें, तो बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों ने एक महीने के दौरान निवेशकों को करीब 9.67% का रिटर्न दिया है. 24 मार्च 2025 को इसका शेयर 121.64 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था.

क्या करें निवेशक

  • लंबी अवधि के निवेशक: कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति, कम एनपीए और बढ़ती AUM को देखते हुए लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प हो सकता है.
  • लघु अवधि के निवेशक: शेयर की कीमत में हालिया उतार-चढ़ाव और लॉक-इन पीरियड समाप्ति के कारण संभावित वोलैटिलिटी को ध्यान में रखते हुए लघु अवधि के निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए.
  • निवेश से पहले सलाह: किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें.

बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयर खरीदें, बेचें या होल्ड करें?

  • विश्लेषकों की राय: अंग्रेजी की वेबसाइट मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, बजाज हाउसिंग फाइनेंस को कवर करने वाले विश्लेषकों में से अधिकांश ने इसे “खरीदें” की रेटिंग दी है, जबकि कुछ ने “बेचें” और “होल्ड” की सिफारिश की है।.
  • टारगेट प्राइस: विश्लेषकों का हाइएस्ट टारगेट प्राइस 185 रुपये है, जो वर्तमान स्तर से करीब 31% अधिक है. वहीं, इसका लोएस्ट टारगेट प्राइस 86 रुपये है, जो संभावित गिरावट का संकेत देता है.

बजाज फाइनेंस का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट

बजाज फाइनेंस की कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 26% बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है. इसमें होम लोन का हिस्सा 56% है. मार्च तिमाही में लोन डिस्बर्सल 14,254 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 25% की बढ़त को दर्शाता है.

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बजाज हाउसिंग फाइनेंस की एसेट क्वालिटी और पूंजी स्थिति

बजाज हाउसिंग फाइनेंस की ग्रॉस NPA रेशियो केवल 0.29% रही, जो बेहतर एसेट क्वालिटी को दर्शाता है. ऑपरेटिंग प्रॉफिट 43% बढ़कर 750 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह 523 करोड़ रुपये था. कंपनी की नेटवर्थ 19,932 करोड़ रुपये रही और कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो 28.24% है, जो नियामकीय आवश्यकता 15% से कहीं अधिक है.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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