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बैंक हड़ताल : पश्चिम बंगाल में दो दिन में 37000 करोड़ का लेनदेन प्रभावित, 39 लाख चेक अटके

पश्चिम बंगाल में दो दिन की बैंक हड़ताल में 39 लाख चेक का क्लियरेंस फंस गया, जिसकी वजह से कम से कम 37 हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ. बैंक हड़ताल पर पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ें...

कोलकाता/नयी दिल्ली: सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लाखों कर्मचारी शुक्रवार को दूसरे दिन भी हड़ताल (Bank Strike) पर रहे. सभी सरकारी बैंक बंद रहे. एटीएम केंद्रों में भी ताले लटके रहे. इससे ग्राहकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जानकारी के अनुसार, हड़ताल से देशभर में 37,000 करोड़ के 39 लाख चेक अटक गये.

पश्चिम बंगाल में सरकारी बैंकों की 8,590 शाखाएं बंद रहीं. यहां करीब चार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ. अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआइबीओसी), अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआइबीइए) और राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी संगठन (एनओबीडब्ल्यू) सहित नौ बैंक संघों के मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने दो दिवसीय हड़ताल बुलायी थी.

दो दिनों तक बैंकों में कामकाज बंद होने से जमा और निकासी, चेक समाशोधन और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं ठप रहीं. भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया था कि हड़ताल से उनकी शाखाओं में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं.

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हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों खासकर एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ एवं कोटक महिंद्रा आदि में कामकाज सामान्य दिनों की तरह जारी रहा. एआइबीइए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभानेवाले सरकारी बैंकों के निजीकरण के फैसले के खिलाफ की गयी.

एआइबीओसी के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि देश भर में लाखों बैंक कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक देश के आर्थिक विकास में उत्प्रेरक का काम करते हैं. इनकी कृषि, छोटे कारोबार, लघु व्यवसाय, परिवहन और समाज के पिछड़े एवं कमजोर वर्गों के उत्थान में अहम भूमिका रही है. ऐसे में सरकार का निजीकरण का यह फैसला किसी भी प्रकार से देशहित में नहीं है.

बैंक हड़ताल पर बोले गौतम नियोगी

यूएफबीयू के पश्चिम बंगाल प्रदेश संयोजक गौतम नियोगी ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल का बैंककर्मियों ने पूरा समर्थन किया. सफाई कर्मचारी से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक सभी वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहे और केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया.

सभी सरकारी बैंक की शाखाएं रहीं बंद

एआइबीओसी के पश्चिम बंगाल प्रदेश सचिव संजय दास ने कहा कि बैंक हड़ताल के दूसरे दिन भी राज्य के सभी सार्वजनिक बैंक की शाखाएं बंद रहीं. यूएफबीयू के बैनर तले शुक्रवार को सॉल्टलेक में रैली भी निकाली गयी. महानगर में विभिन्न बैंक शाखाओं के सामने विरोध-प्रदर्शन किया गया. यह सांकेतिक हड़ताल थी. यदि केंद्र सरकार ने हमारी मांगों पर गौर नहीं किया तो बड़ा आंदोलन करेंगे.

Posted By: Mithilesh Jha

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