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ब्लैकरॉक बना अदाणी ग्रुप के 750 मिलियन डॉलर के बॉन्ड का सबसे बड़ा निवेशक

Adani Group Investor: ब्लैकरॉक ने अदाणी ग्रुप की ओर से जारी 750 मिलियन डॉलर के बॉन्ड में सबसे बड़ा निवेशक बनकर हिस्सेदारी ली है. यह निवेश ऐसे समय हुआ है, जब अदाणी ग्रुप अमेरिकी जांच के दायरे में है. ब्लैकरॉक का यह कदम भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उसके पहले निजी निवेश को दर्शाता है, जिससे ग्रुप को मजबूती मिली है.

Adani Group Investor: ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक ने अदाणी ग्रुप की ओर से जारी किए गए 750 मिलियन डॉलर (75 करोड़ डॉलर) के प्राइवेट बॉन्ड का सबसे बड़ा निवेशक बनकर सभी को चौंका दिया है. सूत्रों के अनुसार, ब्लैकरॉक ने इस निर्गम का करीब एक-तिहाई हिस्सा खरीदा है. इस निवेश की अवधि तीन से पांच साल के बीच है.

अमेरिकी जांच के बीच ब्लैकरॉक का बड़ा दांव

ब्लैकरॉक का यह निवेश ऐसे समय में आया है, जब अदाणी समूह अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) की एक जांच के घेरे में है. इसमें रिश्वत से जुड़े आरोपों की पड़ताल हो रही है. फिर भी, यह कदम इस बात का संकेत है कि ब्लैकरॉक को अदाणी ग्रुप के भविष्य पर पूरा भरोसा है और उसे कानूनी मामलों से संचालन में कोई बड़ी बाधा नहीं दिखती.

भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में पहला निजी निवेश

ब्लैकरॉक के लिए यह भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में किया गया पहला निजी निवेश है. चेयरमैन लैरी फिंक पहले ही कह चुके हैं, “बुनियादी ढांचा सबसे रोमांचक दीर्घकालिक निवेश अवसरों में से एक है.” साल 2023 में ब्लैकरॉक ने Global Infrastructure Partners (GIP) को 12.5 अरब डॉलर में अधिग्रहित किया था, जिससे इसकी रणनीति और भी स्पष्ट होती है.

अधिग्रहण और विस्तार में होगा फंड का इस्तेमाल

अदाणी ग्रुप की यह फंडिंग पहल उसकी पूर्ण-स्वामित्व वाली इकाई Renew Exim DMCC के माध्यम से की गई है. इस पूंजी का इस्तेमाल ITD Cementation के अधिग्रहण और दूसरी विकास योजनाओं के लिए किया जाएगा.

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दूसरे निवेशकों की भागीदारी

ब्लैकरॉक के अलावा पांच और संस्थागत निवेशकों ने इस बॉन्ड निर्गम में हिस्सा लिया, जिनमें Sona Asset Management की ओर से प्रबंधित फंड्स भी शामिल हैं. यह अदाणी ग्रुप की ओर से जारी किया गया दूसरा प्राइवेट डॉलर बॉन्ड है. इससे पहले फरवरी 2025 में समूह ने अपने ऑस्ट्रेलियन पोर्ट ऑपरेशन के लिए करीब 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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