British Raj Loot From India: साल 1765 से 1900 के बीच, भारत से इंग्लैंड वालें $64.82 ट्रिलियन यानी लगभग ₹5525 लाख करोड़ लूट लिए थे. ₹5525 लाख करोड़ आज अमेरिका के जीडीपी से दोगुना और ब्रिटेन के जीडीपी से 17 गुना अधिक है.
लूटी गई सारी दौलत को अंग्रेज वापस ले आया तो
अगर भारत से लूटी गई सारी दौलत को अंग्रेज वापस ले आया तो. हम सभी बाहरी ऋणों को पूरी तरह से मिटा सकते हैं. बाहरी ऋण किसी देश के विदेशी सरकारों या अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक जैसे विदेशी लेनदारों को देनी होती है. सितंबर 2024 तक, भारत का बाहरी ऋण लगभग 710 बिलियन डॉलर था. ऐसे में अगर हमें 65 ट्रिलियन डॉलर वापस मिल जाते, तो हम आराम से अपने ऋण को चुका सकते थे. इसके साथ ही हर साल ब्याज भुगतान में 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा की बचत होगी. भारी कर्ज चुकाने के बाद भी, इस पैसे का 99% हिस्सा बच जाएगा, जिसे उस जगह पर लगाया जा सकता है जहां इसकी जरूरत है.
दशकों तक आर्थिक विकास की नींव रख सकता
अगर सारे पैसे वापस आ जाते तो हमारे देश में आज एक हाई-स्पीड रेल नेटवर्क होता जो देश के हर कोने को जोड़ता. एक्सप्रेसवे ऐसा होता जो यात्रा के समय को आधा कर दें, छोटे से छोटे शहर में भी आधुनिक हवाई अड्डे होते जो भारत को वैश्विक व्यापार शक्ति बनाते हैं. ये सबकुछ भारत केवल 3% पैसे से कर सकता है. इसके अलावा लाखों नौकरियां पैदा कर सकता है और दशकों तक आर्थिक विकास की नींव रख सकता है.
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा
नाइट फ्रैंक के रिपोर्टस के अनुसार, भारत को 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए बुनियादी ढांचे में 2.2 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की जरूरत है. विश्व बैंक की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत को अपनी तेजी से बढ़ती शहरी आबादी की मांगों को पूरा करने के लिए अगले 15 सालों में 840 बिलियन डॉलर या सालाना लगभग 55 बिलियन डॉलर की जरूरत होगी.
इन सब चीजों के अलावा हम शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को ठीक कर सकते हैं, ये ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें भारत अभी सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है.
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