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बार-बार के लॉकडाउन से हांफ रहा है चीन, औद्योगिक उत्पादन में सुधार के बावजूद आर्थिक हालत खराब

चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, खुदरा बिक्री अगस्त में सालाना आधार पर 5.4 फीसदी बढ़ी. यह इससे पिछले महीने की 2.7 फीसदी वृद्धि से दोगुना है.

बीजिंग : तथाकथित तौर पर दुनिया की सबसे बड़ी कोरोना महामारी के जनक चीन अब खुद उससे बचाव के लिए अपने शहरों में बार-बार लॉकडाउन लगा रहा है. इस लॉकडाउन का उसे गंभीर खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है. अगस्त महीने के दौरान चीन में उपभोक्ता खर्च और औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बावजूद इसके उसकी आर्थिक हालत अब भी खराब बनी हुई है. आर्थिक विश्लेषकों ने आगाह करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए बार-बार लगाए जा रहे ‘लॉकडाउन’ की वजह से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की स्थिति नाजुक बनी हुई है.

औद्योगिक उत्पादन बढ़ने के बावजूद छाई है कमजोरी

चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, खुदरा बिक्री अगस्त में सालाना आधार पर 5.4 फीसदी बढ़ी. यह इससे पिछले महीने की 2.7 फीसदी वृद्धि से दोगुना है. आधिकारिक अनुमान में इसके 3.3 फीसदी रहने की संभावना जताई गई थी. औद्योगिक उत्पादन अगस्त महीने में 4.2 फीसदी बढ़ा, जो जुलाई में 3.8 फीसदी था. यह बात दीगर है कि चीन में औद्योगिक उत्पादन बढ़ा तो जरूर है, लेकिन यह अभी पिछले प्रदर्शन के मुकाबले कमजोर है.

मकानों की बिक्री घटी

राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, कारखानों, रियल एस्टेट और अन्य स्थिर संपत्तियों में निवेश 5.8 फीसदी रहा, जो इससे पिछले महीने जुलाई में 5.7 फीसदी था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मकानों के दाम में कमी के साथ बिक्री घटी है. इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में गतिविधियां धीमी हुई हैं. इसका एक कारण सरकार का कंपनी कर्ज में वृद्धि पर नियंत्रण लगाने को लेकर किये गये उपाय हैं.

आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अब भी धीमी

कैपिटल इकनॉमिस्ट के जुलियन इवान्स-प्रिटकार्ड ने एक रिपोर्ट में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था अनुमान के मुकाबले थोड़ी बेहतर हुई है. हालांकि, वृद्धि की रफ्तार अब भी धीमी है. चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2022 की पहली छमाही में घटकर 2.5 फीसदी रही, जो आधिकारिक लक्ष्य 5.5 प्रतिशत के मुकाबले आधे से भी कम है. बड़े स्तर पर प्रोत्साहन व्यय के अभाव में कर्ज और मकान की लागत बढ़ सकती है.

2022 में तीन फीसदी से नीचे रहेगी चीन की आर्थिक वृद्धि

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि इस साल चीन की आर्थिक वृद्धि दर तीन फीसदी से नीचे रह सकती है. यह पिछले साल के 8.1 फीसदी के मुकाबले आधे से भी कम है. सरकार ने अब 5.5 फीसदी के लक्ष्य की बात करना छोड़ दिया है. चीन की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए बार-बार लगाई गई पाबंदियों का असर पड़ा है.

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मार्च में शंघाई और अन्य औद्योगिक केंद्रों में पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. ये पाबंदियां नरम हुई हैं, लेकिन दक्षिण कारोबारी केंद्र शेनझेन और अन्य शहरों में अस्थायी तौर पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं. आईएनजी के रॉबर्ट कॉरनेल ने रिपोर्ट में कहा कि अर्थव्यवस्था के समक्ष आने वाले समय में ‘लॉकडाउन’ का जोखिम अभी बना हुआ है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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