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दिल्ली-एनसीआर में फिर जहरीली हो गई आबोहवा, सीएनजी गाड़ियां भी उगल रही हैं कच्चा धुंआ

Pollution: अध्ययन में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले वाणिज्यिक वाहनों (टैक्सियां और हल्के सामान वाले वाहन) निजी वाहनों की तुलना में अधिक प्रदूषण फैलाते हैं. बीएस 6 टैक्सी और एलजीवी (लाइट गुड्स व्हीकल) निजी कारों की तुलना में क्रमशः 2.4 और 5 गुना अधिक एनओएक्स उत्सर्जन करते हैं.

Pollution: देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों की आबोहवा एक बार फिर जहरीली हो गई. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि वैकल्पिक ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होने वाले सीएनजी से चलने वाली गाड़ियां भी जहरीला धुंआ उगल रही हैं. इसका कारण यह है कि दिल्ली और गुरुग्राम में मोटर वाहन उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है. इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (आईसीसीटी) के अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में भारत स्टेज (बीएस) 6 मानक लागू होने के बावजूद वाहनों से होने वाले प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई है.

बीएस 6 मानक लागू होने के बावजूद फैल रहा प्रदूषण

आईसीसीटी की ओर से किए गए अध्ययन में वाहनों से होने वाले वास्तविक उत्सर्जन का विश्लेषण किया गया है. यह अध्ययन द रियल अर्बन एमिशन्स (टीआरयूई) पहल के तहत एफआईए फाउंडेशन के सहयोग से किया गया. इसमें दिल्ली और गुरुग्राम के 20 स्थानों पर एक लाख से अधिक वाहनों के उत्सर्जन का परीक्षण किया गया. अध्ययन में नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स), कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) और हाइड्रोकार्बन (एचसी) जैसे प्रदूषकों को मापा गया. इसमें पाया गया है कि भारत स्टेज (बीएस) 6 मानक लागू होने के बावजूद वाहनों का उत्सर्जन प्रयोगशाला में मापे गए मूल्यों की तुलना में 1.5 से 14.2 गुना अधिक था.

सबसे अधिक प्रदूषण फैला रहे वाणिज्यिक वाहन

अध्ययन में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले वाणिज्यिक वाहनों (टैक्सियां और हल्के सामान वाले वाहन) निजी वाहनों की तुलना में अधिक प्रदूषण फैलाते हैं. बीएस 6 टैक्सी और एलजीवी (लाइट गुड्स व्हीकल) निजी कारों की तुलना में क्रमशः 2.4 और 5 गुना अधिक एनओएक्स उत्सर्जन करते हैं. अध्ययन में यह भी पाया गया है कि सीएनजी को एक स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन माना जाता है, लेकिन इससे भी अपेक्षाकृत सबसे अधिक एनओएक्स उत्सर्जित हुआ है.

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इलेक्ट्रिक वाहन और साइकिल का इस्तेमाल करें लोग

आईसीसीटी के प्रबंध निदेशक अमित भट्ट ने कहा कि यह अध्ययन दिखाता है कि वास्तविक दुनिया में वाहनों का उत्सर्जन प्रयोगशाला के परिणामों से काफी अलग होता है. उन्होंने कहा कि भारत में उत्सर्जन परीक्षण प्रणाली की समीक्षा करने आवश्यकता है और शून्य-उत्सर्जन वाले वाहनों को तेजी से अपनाने की आवश्यकता है. एफआईए फाउंडेशन की डिप्टी डायरेक्टर शीला वाटसन ने सीएनजी को स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन मानने पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली के लिए असली समाधान सीएनजी नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहन, साइकिलिंग और पैदल चलने को बढ़ावा देना है. इसी तरह, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की अनुमिता रॉय चौधरी ने भी इलेक्ट्रिफिकेशन की ओर बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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