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डीजीसीए ने एयर एशिया पर लगाया 20 लाख रुपये का जुर्माना, नागरिक उड्डयन नियमों के उल्लंघन के आरोप

डीजीसीए ने कंपनी के जवाबदेह प्रबंधक, प्रशिक्षण प्रमुख और एयर एशिया (इंडिया) लिमिटेड के सभी नामित परीक्षकों को कारण बताओ नोटिस भी किया है कि क्यों न उनके नियामक दायित्वों की निगरानी में कमी के लिए उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की जाए.

नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शनिवार को लागू नागरिक उड्डयन नियमों के उल्लंघन के आरोप में विमानन कंपनी एयर एशिया पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. डीजीसीए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि महानिदेशालय द्वारा 23-25 नवंबर 2022 के दौरान एयर एशिया (इंडिया) लिमिटेड का निरीक्षण किया गया था. इस दौरान डीजीसीए की टीम ने देखा कि एयरलाइन्स के पायलटों के द्वारा पायलट प्रवीणता जांच अथवा इंस्ट्रूमेंट रेटिंग जांच के दौरान कुछ आवश्यक अभ्यास पूरे नहीं किए गए थे, जो एक अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन की जरूरत है. इसलिए ऐसा नहीं किया जाना डीजीसीए के नियमों का उल्लंघन हुआ.

पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

डीजीसीए ने कंपनी के जवाबदेह प्रबंधक, प्रशिक्षण प्रमुख और एयर एशिया (इंडिया) लिमिटेड के सभी नामित परीक्षकों को कारण बताओ नोटिस भी किया है कि क्यों न उनके नियामक दायित्वों की निगरानी में कमी के लिए उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की जाए. डीजीसीए की ओर से कंपनी के प्रबंधक, प्रशिक्षण प्रमुख और सभी नामित परीक्षकों के लिखित उत्तर की भी जांच की गई.

एयर एशिया पर 20 लाख का जुर्माना

डीजीसीए ने लागू नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के उल्लंघन के लिए एयर एशिया (इंडिया) लिमिटेड पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. लागू डीजीसीए नागरिक उड्डयन नियमों के अनुसार, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए तीन महीने की अवधि के लिए प्रशिक्षण प्रमुख को उनके पद से वापस लेने की लेखा परीक्षा को भी आदेश दिया गया है.

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आठ परीक्षकों पर भी तीन-तीन लाख का जुर्माना

इसके साथ ही, डीजीसीए ने कंपनी के आठ पदाधिकारियों पर भी आर्थिक जुर्माना लगाया है. लागू डीजीसीए नागरिक उड्डयन नियमों के अनुसार, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए एयर एशिया के आठ नामित परीक्षकों में से प्रत्येक पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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