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गांव से कितनी दूरी पर होना चाहिए मुर्गी फार्म? जानें लागत, नियम और सरकारी सब्सिडी

Poultry Farm Setup Rules: मुर्गी फार्म स्थापित करने से पहले उचित स्थान चयन और निवेश की विस्तृत योजना बनाना आवश्यक है. गांव से उचित दूरी, पर्यावरणीय मानकों का पालन और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर मुर्गी पालन एक लाभदायक व्यवसाय बन सकता है.

Poultry Farm Setup Rules: मुर्गी पालन व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनता जा रहा है. हालांकि, सफल मुर्गी फार्म स्थापित करने के लिए उचित स्थान चयन और प्रारंभिक निवेश की जानकारी होना आवश्यक है. मुर्गी फार्म स्थापित करते समय इसे गांव से उचित दूरी पर रखना महत्वपूर्ण है, ताकि पर्यावरणीय संतुलन बना रहे और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके.

गांव से मुर्गी फार्म की दूरी

एबीपी लाइव की रिपोर्ट के अनुसार, मुर्गी फार्म गांव से 2 से 5 किलोमीटर की दूरी पर होना चाहिए. ट्रैक्टर जंक्शन की रिपोर्ट में बताया गया है कि मुर्गी फार्म के आसपास 500 मीटर की दूरी तक कोई आवासीय क्षेत्र नहीं होना चाहिए. साथ ही, बड़े जल स्रोतों जैसे नदी, झील, कुआं आदि से कम से कम 100 मीटर की दूरी होनी चाहिए.

मुर्गी फार्म खोलने में होने वाला खर्च

मुर्गी फार्म खोलने करने की लागत कई कारकों पर निर्भर करती है. इनमें फार्म की साइज, मुर्गियों की संख्या, बुनियादी ढांचा और स्थान शामिल हैं. पैसा बाजार डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, छोटे पैमाने पर मुर्गी फार्म शुरू करने के लिए लगभग 50,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक की जरूरत पड़ती है. मध्यम स्तर के व्यवसाय के लिए यह रकम 1.5 लाख रुपये से 3.5 लाख रुपये तक जा सकती है, जबकि बड़े पैमाने पर फार्म के लिए 7 लाख रुपये या उससे अधिक का निवेश आवश्यक हो सकता है.

मुर्गी फार्म खोलने के लिए जगह की जरूरत

Chegg India की रिपोर्ट के अनुसार, 1000 मुर्गियों का फार्म खोलने के लिए कम से कम 500 वर्गफुट जगह की जरूरत पड़ती है, जिसमें उनके टहलने, प्राकृतिक रोशनी और उचित वेंटिलेशन के लिए अलावा 100 वर्गफुट स्थान होना चाहिए. बिज आइडिया हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, 1000 ब्रॉयलर मुर्गियों के लिए शेड के निर्माण की लागत लगभग 1.5 लाख रुपये हो सकती है, जो शेड के प्रकार और क्षेत्र के अनुसार बदलती है.

चूजों की खरीद पर होने वाला खर्च

इसके अलावा, 1000 चूजों की खरीद पर लगभग 35,000 रुपये (प्रति चूजा 35 रुपये) खर्च हो सकते हैं. मुर्गियों के चारे की लागत 45 दिनों की अवधि में करीब 87,500 से 1,05,000 रुपये हो सकती है, जो चारे की गुणवत्ता और कीमत पर निर्भर करती है. मुर्गी फार्म में काम करने वालों की मजदूरी, बिजली, पानी और मार्केटिंग जैसे दूसरे खर्चों को मिलाकर कुल निवेश राशि बढ़ सकती है.

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सरकारी सहायता और सब्सिडी

जी बिजनेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुर्गी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है. बिहार में सरकार की ओर से समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत लेयर और ब्रॉयलर मुर्गी फार्म स्थापित करने के लिए 3 लाख से 40 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है. इस योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को 50% तक की सब्सिडी मिलती है, जबकि सामान्य वर्ग के लिए यह 30% है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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